Kolkata Murder Case: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे, जहाँ उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। इस दौरान, धनखड़ ने कोलकाता में हाल ही में घटित हत्या मामले (Kolkata Murder Case ) पर भी गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस घटना ने मानवता को शर्मसार किया है और ऐसे मामलों में उठ रही भटकी हुई आवाजें केवल असहनीय दर्द को और बढ़ाती हैं।
कोलकाता मर्डर केस पर उपराष्ट्रपति का बयान
उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कोलकाता मर्डर केस को लेकर कहा कि यह एक “दर्दनाक” घटना है। उन्होंने इसे एक लक्षणात्मक अस्वस्थता का परिणाम बताया और कहा कि बार-बार ऐसी घटनाएं देश में चिंता का विषय बन रही हैं। धनखड़ ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या को लेकर निवारक पारिस्थितिकी तंत्र की मांग की, ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लिखा लेख
धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिखे गए विशेष लेख का भी उल्लेख किया, जिसमें राष्ट्रपति ने कोलकाता की घटना पर अपने विचार व्यक्त किए थे। राष्ट्रपति का यह लेख, जिसका शीर्षक “महिला सुरक्षा: बस बहुत हो गया” था, देश में व्यापक विरोध प्रदर्शनों का कारण बना। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर एक सख्त और व्यक्तिगत दृष्टिकोण पेश किया है, जो एक आदिवासी महिला के रूप में उनकी गहरी समझ को दर्शाता है।
मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरत
धनखड़ ने इस मुद्दे पर बल देते हुए कहा कि महिलाओं और लड़कियों के मन में उत्पन्न होने वाला डर न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि इस समस्या का समाधान आवश्यक है। उन्होंने 2012 की दिल्ली सामूहिक बलात्कार घटना का जिक्र करते हुए कहा कि बार-बार होने वाली घटनाओं के लिए अपराधियों को दंडित करने और उनके मन में डर पैदा करने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने बलात्कार की घटनाओं को सामान्य घटना मानने वाले लोगों की सोच की आलोचना की और कहा कि यह सोच समाज को पीछे ले जाती है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एम्स में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कोलकाता मर्डर केस पर अपने विचार व्यक्त किए और एक मजबूत दंडात्मक पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की जरूरत है। धनखड़ ने इस घटना को केवल असामान्य नहीं बल्कि एक गंभीर सामाजिक समस्या के रूप में देखा और इससे संबंधित मुद्दों पर ठोस कार्रवाई की मांग की।