Narendra Dabholkar: महाराष्ट्र के पुणे के एक विशेष अदालत ने नरेंद्र दाभोलकर की हत्या मामले में 11 साल बाद फैसला सुनाया है. इस मामले में कोर्ट ने आरोपी सचिन अंदुरे और शरद कलस्कर को दोषी करार दे दिया है. कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. प्रत्येक पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. इसके अलावा कोर्ट ने डॉक्टर विरेंद्र सिंह तावड़े विक्रम भावे और संजीव पुनालकेर को बरी कर दिया है.
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दाभोलकर हत्याकांड में कुल 5 आरोपी
बताते चले कि दाभोलकर हत्याकांड में कुल 5 आरोपी थे, जिनमें से दो को दोषी करार देते हुए तीन को बरी कर दिया गया है. आपको बता दे कि, वीरेंद्र तावड़े को दाभोलकर हत्याकांड का मास्टर माइंड माना गया था. तावड़े उस समय वह “सनातन संस्था के सहयोगी संगठन हिंदू जन जागृति समिति के उप मुख्य आयोजक थे. दाभोलकर के साथ उनका अंधविश्वास विरोधी अभियान को लेकर मतभेद था. इस मामले में उनको अब कोर्ट ने बरी कर दिया है.
कैसे हुई नरेंद्र दाभोलकर की हत्या ?
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख नरेंद्र दाभोलकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुणे में दाभोलकर की हत्या के बाद फरवरी 2015 में गोविंद पानसरे और उसी साल अगस्त में कोल्हापुर में एमएम कलबुर्गी की गोली मारकर हत्या की गई थी. वहीं सितंबर 2017 में गौरी लंकेश की बेंगलुरु में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.बताते चले कि, पुणे के ओंकारेश्वर ब्रिज पर सुबह की सैर पर निकले दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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CBI ने तावड़े पर मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया था
दाभोलकर की हत्या के बाद काफी बवाल मचा था. जिसके बाद दाभोलकर की बेटी और बेटे द्वारा दायर याचिकाओं पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले को पुणे पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दिया था. इस मामले में पुणे पुलिस ने जांच शुरु की थी लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद साल 2014 में सीबीआई ने इस मामले की जांच को अपने हाथ में ले लिया. इसी मामले में जून 2016 में हिंदू दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था से जुड़े ईएनटी सर्जन डॉ. वीरेंद्र सिंह तावड़े को गिरफ्तार किया गया था. बता दे कि, सीबीआई ने तावड़े पर इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया था.
अभियोजन पक्ष ने क्या कहा ?
आपको बता दे कि अभियोजन पक्ष के अनुसार, तावड़े हत्या के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था. उसने दावा किया कि सनातन संस्था दाभोलकर की संस्था महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा किए गए कार्यों का विरोध करती थी. इसी संस्थान से तावड़े और कुछ अन्य आरोपी जुड़े हुए थे. सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में शुरुआत में भगोड़े सारंग अकोलकर और विनय पवार को शूटर बताया था लेकिन बाद में सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर को गिरफ्तार किया और एक पूरक आरोपपत्र में दावा किया कि उन्होंने दाभोलकर को गोली मारी थी. इसके बाद, केंद्रीय एजेंसी ने अधिवक्ता संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे को कथित सह-साजिशकर्ता के तौर पर गिरफ्तार किया. तावड़े, अंदुरे और कालस्कर जेल में बंद हैं जबकि पुनालेकर और भावे जमानत पर बाहर हैं
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