Varanasi News: वाराणसी के हनुमान घाट पर स्थित कर्नाटक गेस्ट हाउस की दीवार अचानक गंगा में गिर गई। इस हादसे की तेज आवाज इतनी दूर तक गई कि करीब आधा किलोमीटर दूर पांडे घाट तक लोगों ने इसे सुना। दीवार के गिरने से गंगा का पानी लगभग 30 फीट की ऊंचाई तक उछला, जिससे घाट किनारे स्थित मकानों के खिड़कियों के शीशे तक टूट गए। इस हादसे से घाट पर मौजूद लोग दहशत में आ गए, वहीं गेस्ट हाउस के आसपास रहने वाले अपने मकानों को लेकर आशंकित हो गए हैं।
शवों का अंतिम संस्कार करते समय हुआ हादसा
हरिश्चंद्र घाट पर मौजूद बहादुर नाम के एक स्थानीय निवासी के अनुसार, सामान्य दिनों की तरह घाट पर शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। बाढ़ के चलते नौका संचालन बंद होने के कारण नाविकों ने अपनी नावें गेस्ट हाउस के पास बांध रखी थीं। अचानक दोपहर में गेस्ट हाउस की दीवार का एक बड़ा हिस्सा गंगा में गिर पड़ा। इसकी आवाज इतनी तेज थी कि एक किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। मलबे के कारण गंगा का पानी उछल गया और स्थानीय पार्षद राजेश यादव के मकान की खिड़की का शीशा टूट गया।
अफरा-तफरी का बन गया था माहौल, कई लोग घायल
इस हादसे के बाद घाट पर मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। मलबे में छिटकी हुई ईंटें और पत्थर शवों के पास तक पहुंच गईं, जिससे कुछ शव क्षतिग्रस्त हो गए। घायलों की चीख-पुकार ने माहौल को और भयावह बना दिया। घटना के तुरंत बाद भेलूपुर थाना प्रभारी विजय शुक्ल मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। एनडीआरएफ को सूचित कर संभावित डूबे हुए लोगों की तलाश शुरू कर दी गई। थोड़ी ही देर में डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल और एसीपी चेतगंज गौरव कुमार भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने भी घाट पर पहुंचकर स्थिति का मुआयना किया। उन्होंने नाव पर सवार होकर गेस्ट हाउस के अगले हिस्से का निरीक्षण किया और गेस्ट हाउस के पास बोल्डर लगाने और रिटेनिंग वाल बनाने का निर्देश दिया। साथ ही, गेस्ट हाउस के बगल में स्थित काशी नाथ शास्त्री के मकान को खाली कराने का आदेश दिया। सुरक्षा की दृष्टि से घाटों पर होने वाली गंगा आरती में शामिल होने वाले लोगों की संख्या निर्धारित करने का निर्देश भी दिया गया। नगर निगम को मलबा हटाकर साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए गए। कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने भी मौके पर पहुंचकर घायलों के मुफ्त इलाज और टूटी हुई नावों की मरम्मत के निर्देश दिए।
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115 साल पुराना कर्नाटक गेस्ट हाउस: अब एक खतरनाक ढांचा
115 वर्ष पुराना कर्नाटक गेस्ट हाउस कर्नाटक सरकार के अधीन है। यहां के निवासी उज्ज्वल स्वामीनाथन ने बताया कि हरिश्चंद्र घाट कॉरिडोर के निर्माण के चलते गेस्ट हाउस का सामने का हिस्सा खोखला हो गया है। गेस्ट हाउस अब मिट्टी के सहारे टिका है, जिसके कभी भी गिरने की आशंका है। स्थानीय पार्षद प्रत्याशी राजीव यादव ने आरोप लगाया कि कॉरिडोर के निर्माण कार्य में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे घाट और उसके आसपास के मकानों को भारी नुकसान हो रहा है। गेस्ट हाउस में ठहरे आठ लोग, जो काशी दर्शन के लिए आए थे, हादसे के समय वहां मौजूद नहीं थे। दो दिन पहले वे प्रयागराज और गया दर्शन के लिए गए थे। गेस्ट हाउस में मौजूद तीन कर्मचारियों को डीसीपी ने सुरक्षित बाहर निकालकर गेस्ट हाउस को सील कर दिया है।
एडीएम सिटी का अजीबो-गरीब बयान
घटनास्थल पर पहुंचे एडीएम सिटी आलोक वर्मा से जब केदार घाट की गली में मौजूद जर्जर मकानों को गिराने की मांग की, तो वह बिफर पड़े। उल्टे उन्होंने लोगों से पूछा कि किस धारा के तहत मकान गिराया जाता है, इसकी जानकारी दें। उनके इस व्यवहार से लोगों में काफी नाराजगी फैल गई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि मकान इतने जर्जर हो चुके हैं कि कभी भी गिर सकते हैं और बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
कॉरिडोर निर्माण पर उठे सवाल
कर्नाटक गेस्ट हाउस की दीवार गिरने से घाटों पर हो रहे कॉरिडोर निर्माण कार्य की गुणवत्ता और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि घाट के आसपास बने मकानों और संरचनाओं को नजरअंदाज कर कॉरिडोर का काम किया जा रहा है, जिससे गंभीर हादसे हो रहे हैं। अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इन समस्याओं का समाधान करे और आगे होने वाले किसी भी बड़े हादसे से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए।
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