Varanasi Stampede: वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली भरत मिलाप (Nati Imli Bharat Milap) कार्यक्रम में इस बार एक अप्रत्याशित घटना ने माहौल को बिगाड़ दिया। मंगलवार को हुए इस आयोजन में भगदड़ मचने से कई लोग दब गए, जिससे स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई। घटना के बाद मौके पर जूते-चप्पल बिखरे दिखाई दिए और पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया।
भगवान श्रीराम के पुष्पक विमान की एंट्री पर विवाद
भरत मिलाप का आयोजन वाराणसी (Varanasi) के नाटी इमली में चित्रकूट रामलीला समिति द्वारा किया जाता है। यह आयोजन बेहद महत्वपूर्ण है और लाखों श्रद्धालु इसमें हिस्सा लेने के लिए इकट्ठा होते हैं। इसी दौरान भगवान श्रीराम के पुष्पक विमान की एंट्री पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। पुलिस ने कुछ यादव समुदाय के बंधुओं को अंदर जाने से रोक दिया, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया। पुलिस ने केवल विमान और उसके साथ मौजूद लोगों को अंदर जाने की अनुमति दी, जबकि विमान के साथ आए यादव बंधुओं को रोक दिया गया। इस पर यादव बंधुओं ने विरोध जताया और दोनों पक्षों के बीच बहस होने लगी। देखते ही देखते बहस ने धक्कामुक्की का रूप ले लिया और भगदड़ मच गई।
मंत्री पुत्र और पुलिस के बीच तकरार, लाठीचार्ज के बाद बेकाबू हुई भीड़
भगदड़ के दौरान स्थिति और भी बिगड़ गई जब प्रदेश के राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल के बेटे की पुलिस से तीखी बहस हो गई। यादव समुदाय के लोग बैरिकेडिंग हटाने की मांग पर अड़े रहे, जिससे तनाव बढ़ता चला गया। पीछे से बढ़ती भीड़ के दबाव के कारण आगे के लोग गिरने लगे, और इस दौरान भगदड़ मच गई। भगदड़ में कई लोग फंस गए और स्थिति काबू से बाहर हो गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं। हालांकि, पुलिस और प्रशासन की सक्रियता से बाद में हालात को काबू में कर लिया गया।
परंपरागत रूप से होते हैं चारों भाइयों के दर्शन
नाटी इमली के भरत मिलाप कार्यक्रम का वाराणसी में विशेष महत्व है। करीब 481 साल से आयोजित हो रही इस रामलीला में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस आयोजन में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के मिलाप का दृश्य प्रस्तुत किया जाता है, जिसे देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग उमड़ते हैं। यादव बंधु इस लीला में अपनी परंपरागत वेशभूषा में शामिल होते हैं और भगवान श्रीराम के पुष्पक विमान के साथ चलते हैं। इस कार्यक्रम के अंत में चारों भाइयों का मिलन होता है, जिसके बाद वे सभी लोगों को दर्शन देते हैं। माना जाता है कि इस स्थान पर मेघा भगत को भगवान श्रीराम का दर्शन हुआ था, और यहीं से भरत मिलाप की परंपरा की शुरुआत हुई थी।
काशी नरेश भी बने रहे आयोजन का हिस्सा
इस कार्यक्रम में हर साल की तरह इस बार भी काशी राज परिवार के सदस्य अनंत नारायण सिंह परंपरा के अनुसार हाथी पर सवार होकर चारों भाइयों का दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। उनके आगमन के दौरान भीड़ के बीच भारी उत्साह देखने को मिला, लेकिन भगदड़ की घटना ने आयोजन की पवित्रता को थोड़ी देर के लिए बाधित कर दिया। फिलहाल पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को संभाल लिया है।