Vande Bharat Train: उदयपुर और आगरा के बीच शुरू की गई वंदे भारत एक्सप्रेस, जो 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाई गई थी, अब विवादों के केंद्र में आ गई है। इस सेमी हाई-स्पीड ट्रेन को लेकर रेलवे कर्मचारियों के बीच जमकर झगड़ा हुआ, जिससे संपत्ति को नुकसान हुआ और कुछ कर्मचारी घायल हो गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि लोको पायलट्स के बीच आपसी भिड़ंत किस कदर बेकाबू हो गई।
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वंदे भारत ने बढ़ाई लोको पायलट्स की आपसी खींचतान
वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Train) को देश की सबसे प्रीमियम ट्रेन माना जाता है, और इसका आकर्षण हर जगह महसूस किया जा रहा है। जहां आम जनता वंदे भारत को शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनों से ज्यादा तरजीह देने लगी है, वहीं भारतीय रेलवे के लोको पायलट्स के बीच भी इसे चलाने का जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है। आगरा-उदयपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के मामले में, तीन अलग-अलग रेलवे जोन के लोको पायलट्स इस ट्रेन को चलाने को लेकर आपस में भिड़ गए।
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तीन रेलवे डिवीजनों के कर्मचारियों में छिड़ा विवाद
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम-मध्य रेलवे, उत्तर-पश्चिम रेलवे, और उत्तर रेलवे के डिवीजनों ने अपने-अपने कर्मचारियों को आगरा-उदयपुर वंदे भारत ट्रेन चलाने का आदेश दिया था। इसके चलते तीनों डिवीजनों के लोको पायलट्स के बीच यह झगड़ा हुआ कि आखिर किसे ट्रेन चलाने का मौका मिलेगा। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि लोको पायलट्स के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई। इस झगड़े में एक लोको पायलट घायल हो गया और वंदे भारत ट्रेन का केबिन भी क्षतिग्रस्त हो गया।
‘हम चलाएंगे तो कौन सी आफत आ जाएगी?’
घटना के दौरान झगड़ा इतना बढ़ गया कि कर्मचारियों ने गार्ड रूम के ताले और खिड़की के शीशे तोड़ दिए। लोको पायलट और उसके सहायक पर हमला किया गया, और जीआरपी (रेलवे पुलिस) को बीच-बचाव कर मामला शांत करना पड़ा। इस मामले पर एक वायरल वीडियो में एक कर्मचारी ने तंज कसते हुए कहा, “आप कोटा से आगरा के बीच ट्रेन लेकर आ रहे हो, अगर हम आगरा से कोटा के बीच इसे चला लेंगे तो कौन सी आफत आ जाएगी?” इस बयान ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं, और लोग इस पर चुटकियां लेते नजर आए।
मामला पहुंचा रेलवे बोर्ड तक, लेकिन अब तक फैसला नहीं
इस अजीबोगरीब विवाद ने रेलवे बोर्ड का ध्यान भी खींचा है, लेकिन बोर्ड अब तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाया है कि आखिर ट्रेन को कौन सा रेलवे डिवीजन चलाएगा। कर्मचारियों के बीच का यह झगड़ा पहले तो एक मामूली बहस से शुरू हुआ, लेकिन जल्द ही यह मारपीट में तब्दील हो गया, जिससे न केवल संपत्ति का नुकसान हुआ बल्कि कर्मचारियों की भी चोटें आईं।
एफआईआर दर्ज, अब हाई-लेवल जांच की मांग
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इस सेमी हाई-स्पीड ट्रेन को लेकर कर्मचारियों में इतना संघर्ष क्यों हो रहा है? वंदे भारत ट्रेन की लोकप्रियता और इसके संचालन से जुड़े सवालों के बीच, यह झगड़ा रेलवे अधिकारियों के लिए एक नया सिरदर्द बन चुका है।
वंदे भारत की लोकप्रियता और कर्मचारियों का जुनून
वंदे भारत एक्सप्रेस ने बीते कुछ सालों में देशभर में अपनी पहचान बना ली है। राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों की जगह, लोग अब इस ट्रेन में सफर करना पसंद कर रहे हैं। इसकी प्रीमियम सेवाओं और तेज रफ्तार ने यात्रियों के साथ-साथ रेलवे कर्मचारियों को भी आकर्षित किया है। यही कारण है कि लोको पायलट्स के बीच इसे चलाने को लेकर इतनी खींचतान हो रही है।
लोको पायलट्स की लड़ाई ने ट्रेन को बना दिया मजाक
जहां वंदे भारत एक्सप्रेस को देश की शान माना जा रहा है, वहीं इस झगड़े ने रेलवे के कामकाज को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ट्रेन के संचालन से जुड़े कर्मचारियों की यह आपसी खींचतान मजाक का विषय बन गई है, और अब यह मामला सिर्फ रेलवे प्रशासन का नहीं बल्कि पब्लिक की नजरों में भी आ चुका है। देखना होगा कि रेलवे बोर्ड और पुलिस प्रशासन इस झगड़े को कैसे सुलझाते हैं और ट्रेन के सुचारू संचालन को कैसे सुनिश्चित करते हैं।