बिहार (पटना): संवाददाता- अभिरंजन कुमार
पटना। शुक्रवार का यानी आज कृषि विज्ञान केन्द्र, बाढ़ पटना के द्वारा उच्च विद्यालय, अगवानपुर में वन महोत्सव जागरूकता अभियान अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें उच्च विद्यालय के शिक्षणगन के साथ-साथ विद्यालय में उपस्थित विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा0 रीता सिंह वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने उपस्थित शिक्षकगण एवं विद्यार्थियों को संबोधितत करते हुए बताया कि वन महोत्सव धरती माता को बचाने के महान उद्देश्य के साथ एक धर्मयुद्ध के रूप में देखने की आवश्यकता है। भारत के प्रत्येक नागरिक से वन महोत्सव सप्ताह के दौरान एक पौधा लगाने की अपेक्षा की जाती है।
हरें पेडो की हो रही कटाईः
साथ हीं पेड़ों से होने वाले लाभ, सुरक्षा और पेंड़ों को काटने से होने वाले नुकसान के बारे विस्तृत परिचर्चा करते हुए मनुष्यो ने अपनी लालची जरूरतों के कारण वन क्षेत्र का एक हिस्सा काट दिया है। शहरीकरण और शहरों के वैष्वीकरण के नाम पर पेड़ों को सबसे बड़ी बाधा माना गया। और वे फलाईओवरों, सड़कों, होर्डिंग्स और फुटपाथों के रास्ते में आते थे। और इसलिए सबसे आसान उपाय यही था कि उनसे पूरी तरह छुटकारा पा लिया जाए। पेड़ों की इस घटती संख्या ने जलवायु में भी बड़ा बदलाव ला दिया है। इसलिए देश में वन आवरण को बहाल करने के लिए वन महोत्सव जैसे त्योहारों की सख्त आवश्यकता है।
Read more: आशा कर्मियों के बाद सभी एंबुलेंस चालक, आज से शुरू किया अनिश्चितकालीन हड़ताल…
ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की अपीलः
श्री राजीव कुमार, विषय वस्तु विषेशज्ञ (मृदा विज्ञान) ने अपने संबोधन में वन महोत्सव जागरूकता अभियान का उद्देश्य भारत में लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है क्योंकि औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण बड़े पैमाने पर वनों की कटाई हुई है। वनों की कटाई एक गंभीर चिंता का विषय है। इसलिए वन महोत्सव सप्ताह का उद्देश्य देश में वनों को उगाने और बचाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को एक साथ लाना है।
श्री अरविंद कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, बाढ़ ने अपने संबोधन में हरियाली, समग्र रूप से, पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। चूंकि पेड़ पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए स्वस्थ, प्रदूशण मुक्त वातावरण के लिए वनस्पति और जड़ को संरक्षित करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। श्रीमती कनीका रानी, प्राचार्य उच्च विद्यालय, अगवानपुर ने अपने संबोधन में छात्रों को वन महोत्सव के महत्व पर विस्तृत परिचर्चा करते हुए प्रत्येक छात्रों को कम से कम एक पौधा लगाने का अवाहन किया।