Uttarkashi : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आज सोमवार यानि को सुबह तेज भूकंप का झटका महसूस किया गया। इसके साथ उत्तरकाशी में भूकंप के ये झटके इसी साल कई बार लग चुके हैं।जानकारी के मुताबिक तब भूकंप की तीव्रता 3.0 रही। वहीं उत्तरकाशी में सुबह लगभग 8.35 बजे भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया। लोग ने तुरंत भय से घर छोड़कर बाहर भागे। फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। इसके साथ सिर्फ इसी साल की बात करें तो उत्तरकाशी में कई मौकों पर कम तीव्रता का भूकंप आ चुका है। वहीं जिले में कई स्थानों पर दरार की वजह से दहशत है, ऐसे में भूकंप का आना लोगों के लिए और डर की वजह बन रहा है।
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भूकंप अक्सर आता रहता है..
इससे पहले सात अप्रैल 2023 में यहां भूकंप आया था जिसकी तीव्रता भी 3.0 थी। वहीं भूकंप का केंद्र जिला मुख्यालय के नजदीक माण्डो गांव के जंगलों में बताया गया था। बता दे कि उत्तराखंड में उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चमोली और बागेश्वर जिले भूकंप के लिहाज से संवेदनशील हैं। बता दे कि उत्तराखंड जोन पांच में आता है।
गढ़वाल का उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग जिला और कुमाऊं का कपकोट, धारचूला, मुनस्यारी क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील है। इन क्षेत्रों में भी उत्तरकाशी सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र है। उत्तरकाशी भूगर्भीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील जोन-4 औ 5 में आता है। वर्ष 1991 में उत्तरकाशी आए में भूकंप ने काफी तबाही मचाई थी। 6.8 तीव्रता के इस भूकंप में 768 लोगों की जान चली गई थी। 1800 लोग बुरी तरह से घायल हुए थे और तीन हजार परिवार बेघर हो गए थे।
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भुकप होता क्या है..
जानकारी के मुताबिक हमारी पृथ्वी प्रमुख तौर पर चार परतों से बनी है। यानी इनर कोर (Inner Core), आउटर कोर (Outer Core), मैंटल (Mantle) और क्रस्ट (Crust)।बता दे कि क्रस्ट सबसे ऊपरी परत होती है। इसके बाद होता है मैंटल। ये दोनों मिलकर बनाते हैं लीथोस्फेयर (Lithosphere) लीथोस्फेयर की मोटाई 50 किलोमीटर है। जो अलग-अलग परतों वाली प्लेटस भी कहते है।
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं।और ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं।बता दे कि जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं। तो रगड़ती हैं। इसके साथ एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूरजाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है।वहीं इसे ही भूकंप कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते है।