Chamoli News: उत्तराखण्ड के चमौली जिले नीति के घाटी में गांव के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण न होने नाराज ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। चमौली के तोलमा गांव को पिछले 15 सालों से सड़क बनाने की मांग की जा रही थी। इसके साथ ही नाराज ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को संबोधित ज्ञापन देने के बाद आंदोलन की चेतावनी दी है। सोमवार को ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों ने आंदोलन करने की दी चेतावनी
सड़क निर्माण को लेकर तोलमा के ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से भेंट की है। ग्रामीणओं ने बताया कि पिछले 15 सालों से चार किलोमीटर की खराब पड़ी लंबी सड़क की निर्माणाधीन पड़ी है, लेकिन सड़क अभी तक बनकर गांव नही पहुंचा। सीमावर्ती इलाके के इस दूरस्थ गांव में सड़क नहीं होने के कारण आज भी गांव वासियों को घर पहुंचने के लिए मीलों पैदल चलना पड़ रहा है। कच्ची सड़क बनने के बाद बरसात में पानी का भराव हो जाता है। जिससे विद्यालय जाने वाले बच्चे खंदक में गिर जाते है।
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ग्रामीणों ने सीएम को सड़क निर्माण को लेकर दी चेतावनी
ग्रामीणों को भी उस रास्ते से निकलना कठिनाईयों भरा होता है। ग्रामीणो ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सड़क निर्माण का कार्य जल्द दोबारा शुरू नहीं किया गया तो वे जिला कलेक्ट्रेट में आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे। जोशीमठ मलारी सीमा सड़क पर सुराईथोठा से गांव के लिए नवम्बर 2005 में चार किलोमीटर लंबी सड़क स्वीकृत हुई थी। गांव की छाया देवी ने बताया कि डेढ़ दशक पहले सड़क निर्माण के लिए सुराईथोठा में जेसीबी आयी थी। कुछ किलोमीटर तक खुदाई काम शुरू होने के बाद फिर अचानक बंद हो गया।
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घूमने के लिए आते है श्रद्धालु
उत्तराखंड का चमौली जिलें के तोलमा गांव में सड़क खराब होने पर घूमने के लिए आते श्रद्धालुओं को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की सीमा से सटा होने के कारण इस गांव में दुनिया भर से अनेको पर्यटक पहुंचते हैं। द्रोणागिरी पर्वत और द्रोणागिरी गांव भी इससे कुछ ही दूरी पर है और संजीवनी बूटी की खोज में वनस्पति विज्ञानी भी यदा कदा इस गांव में आते हैं। इसके आलावा ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण को लेकर कई बार लोक निर्माण विभाग में शिकायत की थी। ग्रामीणों ने जितने बार भी सड़क लोक निर्माण विभाग में शिकायत की उतनी बार ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन मिलता रहा।