Uttarakhand News: दिन पर दिन देश में महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तरखंड (Uttarakhand ) के जिला मुख्यालय के कोतवाली क्षेत्र के तहत एक नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। अमोड़ी क्षेत्र के तीन युवकों ने 15 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरा आरोपित फरार है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए सक्रियता से तलाश कर रही है।
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नाबालिग के भाई की तहरीर पर मामला दर्ज
कोतवाल प्रताप सिंह नेगी ने बताया कि नाबालिग पीड़िता के भाई की तहरीर पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के नए कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया है। तहरीर के मुताबिक, अमोड़ी क्षेत्र के तीन युवकों ने पास के गांव की 15 वर्षीय नाबालिग को बहलाकर अपहरण किया और फिर सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपितों ने पीड़िता को मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता ने यह बात अपने परिवारवालों को बताई, जिससे सभी के होश उड़ गए।
कोतवाल ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 137, 127, 142, 70, 74 के अलावा पाक्सो अधिनियम के तहत तीनों आरोपितों रविश भट्ट, संजय भट्ट और योगेश थ्वाल के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी गई है। पुलिस ने रविश भट्ट और योगेश भट्ट को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरा आरोपित, संजय भट्ट, अभी भी फरार है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है और मामले की जांच एसआई राधिका भंडारी को सौंपी गई है।
पुलिस पर पड़ रहा राजनीतिक दबाव
इस घिनौने अपराध में एक पक्ष लगातार दबाव बना रहा था। पीड़िता के परिवारजन मंगलवार शाम चंपावत कोतवाली पहुंचे थे, आरोप है कि राजनीतिक पहुंच रखने वाले कुछ लोग प्राथमिकी दर्ज कराने से दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस भी पहले दिन इस मामले को केवल अपहरण का मामला बताती रही। हालांकि, मामले की गंभीरता को समझते हुए मंगलवार देर रात प्राथमिकी दर्ज की गई।
अमोड़ी क्षेत्र में हुई इस घटना ने एक बार फिर समाज में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नाबालिग के साथ हुए इस सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने पूरे जिले को हिला कर रख दिया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और पीड़िता के परिवार के साहस ने इस मामले को सामने लाया है। हालांकि, फरार आरोपित की गिरफ्तारी अब भी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। ऐसे मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप और दबाव की स्थिति को समाप्त करने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। समाज को भी जागरूक और संगठित होकर इन अपराधों के खिलाफ खड़ा होना होगा।
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