Uttarakhand Landslide News: उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में पिछले दो दिनों से हो रही भारी वर्षा से स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। टिहरी जिले में बादल फटने, भूस्खलन और नदी-नालों के उफान की घटनाओं से व्यापक क्षति हुई है। वहीं शुक्रवार रात को बूढ़ाकेदार के तोली और तिनगढ़ गांवों में जबरदस्त वर्षा हुई।जहां तोली गांव में बादल फटने के कारण भूस्खलन हुआ, जिससे कई मकान ध्वस्त हो गए।
इस हादसे में एक मकान मलबे में दब गया, जिसमें मां और उसकी बेटी की जान चली गई। घर के तीन अन्य सदस्यों ने किसी तरह से जान बचाकर सुरक्षित स्थान पर भागने में सफलता पाई। इस आपदा के कारण क्षेत्र में संचार और बिजली की व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। स्थानीय प्रशासन और राहत टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
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मां-बेटी की दर्दनाक मौत
वहीं ग्रामीणों ने आपदा प्रबंधन विभाग को इस संबंध में सूचना दी। सूचना पर एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी, एसडीआरएफ, नगर पालिका के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी घटनास्थल पहुंची। एसडीआरएफ ने रेस्क्यू कार्य शुरू किया लेकिन मकान के अंदर भारी मात्रा में मलबा भरा हुआ था जिसकी वजह से अंदर फंसे मां-बेटी को निकलना बेहद मुश्किल हो रहा था।
एसडीआरएफ ने मलबा हटा कर सरिता देवी (40) पत्नी वीरेंद्र सिंह का शव बरामद किया। भारी बारिश के चलते रेस्क्यू कार्य में दिक्कतें आ रही थी, लेकिन एसडीआरएफ ने कुछ घंटों के बाद 15 वर्षीय अंकिता का शव भी बरामद कर लिया। दोनों के शवों को जिला पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। एसडीआरएफ सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने भारी बारिश को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम को बूढ़ाकेदार क्षेत्र में ही कैंप करने के निर्देश दिए हैं।
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बारिश के कारण मकान ढहा
शुक्रवार रात को तोली गांव में भारी वर्षा के चलते एक दुखद घटना घटी। रात लगभग साढ़े 11 बजे के आस-पास, बोल्डर गिरने की आवाज सुनकर गांव के वीरेंद्र शाह अपनी पत्नी सरिता देवी (37) और बेटी अंकिता (15) के साथ अपने घर के बाहर बरामदे में बैठे थे। उनकी बहू करिश्मा और एक साल की पोती अदिति उस समय कमरे में सो रही थीं।जब भारी वर्षा के कारण मकान की दीवार पर मलबा गिरा, सरिता देवी स्वेटर लेने के लिए कमरे में गईं और उनकी बेटी अंकिता भी उनके पीछे-पीछे चली गई। अचानक मकान की दीवार भारी मलबे के साथ सरिता देवी और अंकिता के ऊपर गिर गई। इस दौरान वीरेंद्र शाह ने अंदर जाकर दोनों को निकालने का प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। इसके बाद उन्होंने दूसरे कमरे में जाकर अपनी बहू और पोती को जगाकर बाहर निकाला।
प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम देर रात ही गांव पहुंच गई, लेकिन तब तक सरिता देवी और अंकिता मलबे के नीचे दब चुकी थीं। इस दुखद घटना ने पूरे गांव को शोक में डाल दिया है। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है और प्रभावित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।