लखनऊ संवाददाता-MOHD KALEEM
लखनऊ। रहीमाबाद के मनकौटी गांव में शुक्रवार को बुखार से नौ माह की मासूम की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम सोई रही। आला अफसरों के निर्देश पर सीएमओ कार्यालय में बैठे अफसरों की शनिवार को नींद टूटी तो सक्र्रिय हो गए। इधर, मलिहाबाद सीएचसी की टीम रहीमाबाद में झोलाछाप के खिलाफ अभियान चलाकर छापेमारी करने पहुंची तब तक काफी देर हो चुकी थी। टीम के पहुंचने की सूचना मिल गई थी। सुबह से झोलाछाप गांव-गांव खुली क्लीनिक में ताला लगाकर फरार हो गए थे। टीम एक भी झोलाछाप को पकडऩे में नाकाम रही। दरअसल, ग्रामीण इलाकों में इस समय डेंगू, मलेरिया, वायरल बुखार फैला है। झोलाछाप मनमानी फीस वसूलकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
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झोलाछापों के खिलाफ अभियान चलाने पहुंची..
रहीमाबाद के जूरी खेड़ा मजरे मनकोटी गांव निवासी जय देवी की नौ माह की मासूम बेटी नैंसी दो सप्ताह से बुखार से पीडि़त थी। गांव के ही झोलाछाप से उसका इलाज चल रहा था। झोलाछाप लगातार परिवारीजनों को उसके सही हो जाने की दिलासा देकर इलाज करता रहा। आखिरकार शुक्रवार को नैंसी उसकी मौत हो गई। इलाके में नौ अक्टूबर से अब तक बुखार से कई मौत होने पर स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर जागे। उनके निर्देश पर शनिवार दिन में मलिहाबाद सीएचसी के अधीक्षक डॉ. चंदन यादव की अगुवाई में टीम रहीमाबाद में झोलाछापों के खिलाफ अभियान चलाने पहुंची।
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झोलाछापों को पकडऩे पहुंची..
अधीक्षक टीम के साथ नैंसी के गांव पहुंचे, जहां ग्रामीणों का हालचाल जाना। उसके बाद इलाज करने वाले झोलाछाप की क्लीनिक पर पहुंचे। टीम के पहुंचने से पहले ही वहां से झोलाछाप क्लीनिक के शटर में ताला लगाकर फरार हो थे। टीम के छापामारी करने की खबर रहीमाबाद के कई गांव व इलाकों में पहुंच गई थी। जब टीम गांव व दूसरे इलाके में भी झोलाछापों को पकडऩे पहुंची, लेकिन एक भी झोलाछाप टीम के हाथ नहीं लगा।