Ayodhya : रामलला के भक्तों की खुशी का ठिकाना नहीं हैं। क्योकीं अब राम भक्तों का इंतजार खत्म होने को है। बता दे कि भगवान राम के विराजमान होने का समय नजदीक आ गया हैं, इके साथ राम भक्तों के सैकड़ों वर्षों का सपना अब साकार हो रहा हैं। कई दशकों की प्रतीक्षा के बाद 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर में रामलला विराजेंगे। आपके जानकारी के लिए बता दे कि 15 जनवरी 2023 से मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा शुरू हो जाएगी। वहीं गणतंत्र दिवस से पूरे भारत को रामलला के दर्शन का आमंत्रण भी दिया जाएगा।
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गांवों में हल्दी व घी लगा अक्षत भेजे जाने की तैयारी..
आपको बात दे कि इस खाश अंदाज के साथ रामलला के भक्तों को रामलला के दर्शन का आमंत्रण दिया जाएगा।इसके लिए एक जनवरी से मकर संक्रांति तक घर-घर हल्दी-अक्षत भेजा जाएगा।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गणतंत्र दिवस से पूरे भारत को अयोध्या आकर रामलला के दर्शन का आमंत्रण दिया है। इसके लिए पांच लाख गांवों में घर-घर हल्दी व घी लगा अक्षत भेजे जाने की तैयारी है। इसके साथ एक निवेदन पत्रक भी रामभक्तों को भेजा जाएगा। यह पत्रक देश के सभी प्रमुख भाषाओं में छापा जाएगा, ताकि पत्रक का संदेश रामभक्त आसानी से समझ सकें। इस पत्रक के जरिये रामभक्तों से प्राण प्रतिष्ठा के दिन अपने-अपने क्षेत्रों में आनंदोत्सव व दीपोत्सव मनाने की अपील की जाएगी।
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महासचिव चंपत राय ने बताया..
जानकारी के मुताबिक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि एक जनवरी से मकर संक्रांति तक देश के पांच लाख गांवों में घर-घर, अक्षत-हल्दी भेजी जाएगी। विश्व हिंदू परिषद ने संगठन की द़ृष्टि से देश को 45 प्रांतों में बांट रखा है। हर राज्य में दो से तीन इकाइयां हैं। उत्तर प्रदेश में छह इकाइयां हैं। पांच नवंबर को सभी 45 प्रांतों के दो-दो कार्यकर्ताओं को अयोध्या बुलाया गया है। 150 से 200 कार्यकर्ता अयोध्या पहुंच रहे हैं।
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प्राणप्रतिष्ठा समारोह से पूरा देश जुड़ सकें..
चंपत राय ने बताया कि इस पत्रक के जरिये अपील की जाएगी कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन अपने निकटतम मंदिर में आनंदोत्सव मनाएं। मंदिर की साज-सज्जा कर भजन, पूजन, कीर्तन व महाआरती का आयोजन कर प्रसाद वितरण करें। मंदिरों में लाइव प्रसारण की व्यवस्था हो ताकि अयोध्या में होने वाले प्राणप्रतिष्ठा समारोह से पूरा देश जुड़ सकें। प्रयास है कि देश के पांच लाख मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन आनंदोत्सव का आयोजन हो। सभी से शाम को घरों में दीप जलाने का भी आह्वान किया जाएगा। अपील की जाएगी कि सभी आयोजन मंदिर केंद्रित हों, सड़क, चौराहों पर व्यवधान पैदा करने का हेतु कतई नहीं होना चाहिए।