यूपी ब्यूरो चीफ- गौरव श्रीवास्तव
- बेहतर प्रदर्शन करने वाले शीर्ष 3 आकांक्षी नगरीय निकायों को 50 लाख से 2 करोड़ तक प्रोत्साहन राशि देगी योगी सरकार
- सभी चयनित 100 आकांक्षी नगरीय निकायों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने का उद्देश्य
- सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले निकाय को 2 करोड़, दूसरे स्थान पर एक करोड़ और तीसरे स्थान पर रहने वाले निकाय को मिलेंगे 50 लाख रुपए
लखनऊ: आकांक्षी शहरी निकायों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने के लिए योगी सरकार विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन आधारित पुरस्कार प्रदान करेगी। अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष 3 निकायों को 50 लाख रुपए से लेकर 2 करोड़ रुपए तक का पुरस्कार मिलेगा। यह पुरस्कार राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी ताकि निकायों के विकास कार्यों को गति प्रदान की जा सके।
Read More: राम भक्तों को जल्द मिलेगी हवाई सुविधा…
शीर्ष निकायों का निर्धारण विभिन्न पैरामीटर्स पर निकायों की निगरानी करने वाली समितियों की रिपोर्ट के आधार पर तैयार रैंकिंग से होगा। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के निर्देश पर आकांक्षी विकासखंडों की तर्ज पर आकांक्षी नगरीय निकाय योजना शुरू की गई है। पहले चरण में इसमें 100 नगरीय निकायों को चिन्हित किया गया है।
Read More: हिंदू विवाह पर Allahabad High Court का ये बड़ा फैसला..
पुरस्कारों की व्यवस्था
▪️ 03 अग्रणी शहरों को प्रति वर्ष प्रथम पुरस्कार के रूप में 02 करोड़, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 1 करोड़ तथा तृतीय पुरस्कार के रूप में 50 लाख की प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी।
▪️ अलग-अलग सेक्टर्स में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शहरों को वर्ष में एक बार 50-50 लाख की प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाएगी।
▪️ पुरस्कार राशि की परियोजनाएं सम्बंधित निकाय के अध्यक्ष तथा जिलाधिकारी के संयुक्त सुझाव पर नगर विकास विभाग द्वारा अनुमोदित की जाएगी।
▪️ सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 10 फेलोज को प्रमाण पत्र एवं निकायों की पीएमयू तथा आउटसोर्सिग में लिये जाने हेतु प्राथमिकता दी जायेगी।
Read More: लोकसभा चुनाव 2024: जानें बृजभूषण शरण सिंह का दंगल से राजनीति तक का सफर
▪️ सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शहरों के अधिकारियों तथा कार्मिकों को प्रशिक्षण के उद्देश्य से राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के एक्सपोजर विजिट का अवसर प्रदान किया जाएगा।
2 वर्ष बाद नए निकायों का होगा चयन
चयनित 100 नगर निकायों में यह योजना 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी तथा उसके उपरान्त यह नगर निकाय आत्मनिर्भर रूप से कार्य करेगे, परन्तु इनकी मॉनिटरिंग डैशबोर्ड के माध्यम से 31 मार्च 2028 तक चलती रहेगी। 31 मार्च 2026 के पूर्व वर्तमान चयनित 100 नगर निकायों के स्थान पर अन्य 100 नगर निकायों का चयन किया जाएगा तथा यहां यह योजना 01 अप्रैल 2026 से अग्रिम 02 वित्तीय वर्षों तक लागू रहेगी और इसके उपरान्त ये नगर निकाय आत्मनिर्भर रूप से कार्य करेंगे।
Read More: ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर जमकर साधा निशाना
आकांक्षी निकायों में कार्मिकों की तैनाती
समस्त आकांक्षी 100 शहरी निकाय में सभी रिक्त पदों को सभी विभागों द्वारा भरा जाना सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि एक बार तैनाती के उपरान्त इन्हें न्यूनतम 03 वर्ष का कार्यकाल प्रदान किया जाए तथा स्थानान्तरण की स्थिति में इनकों कार्यमुक्त तभी किया जाए जब इनके स्थान पर नए कार्मिक कार्यभार ग्रहण करने के लिए उपस्थित हो जाए।
Read More: Akhilesh Yadav ने BJP पर बोला जोरदार हमला..
सम्बंधित जिलाधिकारी शासन स्तर पर सम्बंधित विभागों से समन्वय कर इसे सुनिश्चित करायेगें। इसके अतिरिक्त नियोजन विभाग द्वारा सभी जनपदों के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में समय समय पर नामित किया जाता है। नोडल अधिकारी जनपदों में भ्रमण के समय आकांक्षी नगर निकायों को 32 पैरामीटर्स पर समीक्षा करना सुनिश्चित करेंगे।