लखनऊ संवाददाता-MOHD KALEEM
लखनऊ। राजधानी में डेंगू के साथ-साथ तेज बुखार जानलेवा बन गया है। रहीमाबाद कस्बे में बुखार से पीडि़त एक वृद्धा की मौत हो गई। महिला करीब 10 दिन से बुखार पीडि़त थी। उसका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। रहीमाबाद में बुखार से अब तक 13 दिन में चार लोगों की जान जा चुकी है। कई गांव में लोग बुखार से पीडि़त हैं। इलाके में स्वास्थ्य विभाग कोई शिविर आदि लगाकर गांवों में दवा वितरण, एंटीलार्वा छिड़काव व फॉगिंग नहीं करा रहा है।
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मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया..
रहीमाबाद कस्बा निवासी रामकिशन की पत्नी निर्मला सोनी (60) को करीब 10 दिन से बुखार आ रहा था। पहले परिवारीजन एक निजी क्लीनिक में इलाज कराते रहे। इलाज के बाद भी हालत सही न होने पर निर्मला को परिवारीजनों ने बुद्धेश्वर इलाके के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां करीब चार दिन उनका इलाज चला। लेकिन तबियत और बिगड़ती चली गई। शुक्रवार शाम हालत अधिक बिगडऩे पर परिवारीजनों ने उन्हें दुबग्गा स्थित एरा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, शनिवार तड़के निर्मला की मौत हो गई।
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13 दिन में वृद्धा समेत चार लोगों की जान गई..
रहीमाबाद के अलग-अलग गांवों में 13 दिन में वृद्धा समेत चार लोगों की जान जा चुकी है। नौ अक्टूबर को पांडेय खेड़ा गांव निवासी मजदूर सुनील कुमार (27) की बुखार से मौत हो गई थी, जबकि 15 अक्टूबर को कटरा निवासी जनसेवा केंद्र संचालक मेराज की डेढ़ साल की बेटी माहिरा की बुखार से मौत हो गई थी। इसके अलावा 20 अक्टूबर को जूरी खेड़ा मजरे मनकौटी निवासी विनोद की बेटी नैंसी की इलाज के दौरान बुखार से मौत हो गई थी। लगातार बुखार से हो रही मौतों से रहीमाबाद के ग्रामीण डरे हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग कोई शिविर आदि लगाकर गांवों में दवा वितरण, एंटीलार्वा छिड़काव व फॉगिंग नहीं करा रहा है।