UP News: लखनऊ स्थित MI बिल्डर्स (MI Builders) के 15 ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग ने एक साथ छापेमारी की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस कार्रवाई में अधिकारियों के हाथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज लगे हैं, जिनमें कोड भाषा में लाखों रुपये की संदिग्ध ट्रांजेक्शनों का उल्लेख है। साथ ही, सूत्रों का दावा है कि MI बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स में बड़े नेताओं और अफसरों के अवैध धन के निवेश के पुख्ता सबूत मिले हैं। इनकम टैक्स विभाग अब इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इस छापेमारी के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
घूस के रूप में करोड़ों रुपये के लेन-देन का खुलासा
आयकर विभाग ने रियल एस्टेट कंपनी एमआई बिल्डर्स के दिल्ली स्थित ठिकानों के साथ-साथ नोएडा में पूर्व आईएएस अधिकारी राकेश बहादुर के आवास की भी तलाशी ली। नोएडा की जेपी ग्रीन टाउनशिप में स्थित राकेश बहादुर के विला में आयकर विभाग की टीम पुलिस की उपस्थिति में जांच की। इनकम टैक्स विभाग की 25 टीमों ने हजरतगंज, गोमती नगर, गोमती नगर एक्सटेंशन, जानकीपुरम और बाराबंकी रोड स्थित 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान विभाग को करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह रकम आवास विकास और लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के अधिकारियों को घूस के रूप में दी गई थी, ताकि MI बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स में कोई रुकावट न आए। इन लेनदेन के जरिए बिल्डर्स अपने निर्माण कार्यों में तेजी से आगे बढ़ सके।
हजरतगंज निवासी की शिकायत से शुरू हुई जांच
MI बिल्डर्स के मालिक कादिर अली के खिलाफ हजरतगंज निवासी धनप्रकाश बुद्धिराजा ने इनकम टैक्स विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के बाद विभाग ने अपने स्तर पर जांच शुरू की और छापेमारी से पहले महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई। छापेमारी के दौरान अधिकारियों को कई अहम दस्तावेज और रजिस्टर मिले, जिनसे नेताओं और अफसरों के काले धन के प्रोजेक्ट्स में निवेश का खुलासा हुआ है। इसके अलावा, ब्लैक मनी को व्हाइट करने के कई प्रयासों के संकेत भी विभाग को मिले हैं। अब इनकम टैक्स विभाग मामले की गहराई से जांच कर रहा है।
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बिल्डिंग मैटेरियल सप्लायर्स पर भी आईटी का शिकंजा
MI बिल्डर्स के ठिकानों के साथ ही उन्हें बिल्डिंग मैटेरियल सप्लाई करने वाले ठेकेदारों पर भी इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की। लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित औद्योगिक इलाके में निरालानगर निवासी अंकुर अग्रवाल और अनुपम अग्रवाल की फैक्ट्री पर भी कार्रवाई की गई। ये लोग किचन इक्विपमेंट और मॉड्यूलर किचन प्रोडक्ट्स के निर्माण के साथ-साथ लोहे और स्टील का कारोबार करते हैं। इनकी फैक्ट्री में बने प्रोडक्ट्स MI बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल किए जाते हैं। आईटी विभाग ने लखनऊ से लेकर बाराबंकी तक इनके ठिकानों पर भी छापेमारी की, जहां कई अनियमितताओं के सबूत मिले हैं।
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नेताओं और अफसरों की काली कमाई पर इनकम टैक्स की नजर
इनकम टैक्स की छापेमारी के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि MI बिल्डर्स के कई प्रोजेक्ट्स में नेताओं और अफसरों की अवैध कमाई का निवेश हुआ है। जिन दस्तावेजों को अधिकारियों ने जब्त किया है, उनमें बड़े पैमाने पर ब्लैक मनी का इस्तेमाल दिख रहा है। विभाग अब इस दिशा में अपनी जांच तेज कर रहा है और जल्द ही बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
आगे की कार्रवाई की तैयारी में इनकम टैक्स विभाग
इनकम टैक्स विभाग अब उन नेताओं और अफसरों के खिलाफ भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है, जिनके नाम इस घोटाले से जुड़े दस्तावेजों में सामने आए हैं। यह छापेमारी यूपी की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा सकती है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई को नया आयाम मिलेगा। MI बिल्डर्स पर हुई इस कार्रवाई से जहां एक ओर काले धन के इस्तेमाल का पर्दाफाश हुआ है, वहीं दूसरी ओर नेताओं और अफसरों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। अब देखना यह होगा कि इनकम टैक्स विभाग आगे किस तरह की कार्रवाई करता है और इसमें कौन-कौन से बड़े नाम सामने आते हैं।