UP News: उत्तर प्रदेश का सियासी पारा इन दिनों चढ़ा हुआ है। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बड़ी बैठक शनिवार (20 जुलाई, 2024) और रविवार (21 जुलाई, 2024) को लखनऊ में आयोजित होने जा रही है। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार करेंगे। बैठक में सरकार और संगठन के सभी शीर्ष अधिकारी मौजूद रहेंगे।
पांच प्रमुख चेहरे बैठक में शामिल
राजनीतिक गलियारों में यूपी में बड़े बदलाव की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM yogi adityanath), डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya), उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak), प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (State President Bhupendra Chaudhary) और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह को लखनऊ में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस बैठक में सरकार और संगठन के बीच समन्वय और यूपी के जमीनी हालात पर चर्चा होने की संभावना है।
उपचुनाव और संगठन में नाराजगी पर चर्चा
बैठक ऐसे समय में हो रही है जब उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में इस महत्वपूर्ण बैठक में उपचुनावों की रणनीति पर भी विचार-विमर्श हो सकता है। संगठन में नाराजगी के बीच हो रही इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मीटिंग की महत्ता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM yogi adityanath), डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। इसी कारण केशव मौर्य का प्रयागराज दौरा टल गया है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। यूपी में बीजेपी की सीटें कम होने के बाद से ही पार्टी के नेताओं के बीच बयानबाजी चल रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस स्थिति का फायदा उठाते हुए बीजेपी पर कटाक्ष कर रहे हैं।
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भाजपा की अंदरूनी कलह पर अखिलेश का बयान
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भाजपा के भीतर चल रही चर्चाओं के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा था, “मानसून पेशकश है-100 लाओ और सरकार बनाओ।” अखिलेश यादव के इस पोस्ट को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जोड़कर देखा जा रहा है। अखिलेश का इशारा था कि अगर कोई भी नेता 100 विधायकों का समर्थन जुटा लेता है, तो सपा मुख्यमंत्री पद के लिए उसे समर्थन दे सकती है।
अखिलेश यादव ने हाल ही में कहा था, “बीजेपी की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में उत्तर प्रदेश में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम बीजेपी दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है। इसीलिए बीजेपी अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है।”
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केशव मौर्य का पलटवार
केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें “सपा बहादुर” की संज्ञा दी। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश और केंद्र दोनों ही जगह मजबूत सरकार है। हम 2017 की तरह 2027 में भी प्रदेश में सरकार बनाएंगे।”
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भाजपा के भीतर उठते सवाल
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय जो हलचल है, वह आगामी चुनावों के लिए महत्वपूर्ण है। आरएसएस और बीजेपी की इस बैठक से कई महत्वपूर्ण निर्णय निकल सकते हैं, जो आगामी उपचुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अहम होंगे। पार्टी को एकजुट रखने और विरोधी दलों के हमलों का सामना करने के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। भाजपा को अपनी अंदरूनी कलह को समाप्त कर संगठन में नई ऊर्जा लाने की आवश्यकता है, ताकि वह भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सके।