UP Police Constable Bharti: 2018 की पुलिस भर्ती परीक्षा ( Police Constable Bharti) में एक बड़ा धांधली का मामला सामने आया है, जिसमें मंगला प्रसाद नामक अभ्यर्थी ने अपनी जगह सॉल्वर को बैठाया था। इस धांधली का पर्दाफाश बायोमीट्रिक और फोटो मिलान से हुआ, जिसके बाद पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के सीओ अम्बरीष सिंह भदौरिया ने हुसैनगंज (Hussainganj) कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर हुसैनगंज रामकुमार गुप्ता ने बताया कि मंगला प्रसाद मीरजापुर के सरोईबाबू भगौरा गांव का रहने वाला है। मंगला ने 2018 में आरक्षी भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी। जांच में पता चला कि उसने लिखित परीक्षा में सॉल्वर बैठाया था। जब लिखित और शारीरिक परीक्षा के पहचानपत्र में लगी फोटो का मिलान कराया गया, तो दोनों अलग निकलीं।
फिंगर प्रिंट जांच में भी खुलासा
लिखित और शारीरिक परीक्षा के समय के बायोमीट्रिक का भी मिलान कराया गया, जिससे यह साफ हो गया कि दोनों बायोमीट्रिक अलग थे। इसके बाद मंगला प्रसाद को बुलाया गया और फोरेंसिक लैब में उसके फिंगर प्रिंट की भी जांच कराई गई, जिसमें पुष्टि हो गई कि दोनों फिंगर प्रिंट अलग (Finger Print) हैं। फोरेंसिक लैब में फिंगर प्रिंट जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि मंगला प्रसाद ने लिखित परीक्षा में सॉल्वर का सहारा लिया था। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और हुसैनगंज कोतवाली में मंगला प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
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परीक्षा में धांधली पर उठाया जाए सख्त कदम
पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने परीक्षा में धांधली पर सख्त कदम उठाते हुए मंगला प्रसाद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है। इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि परीक्षा में धांधली करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। परीक्षा में धांधली के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिससे शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। इसके खिलाफ जागरूकता फैलाना और सख्त नियम लागू करना जरूरी है। अभ्यर्थियों को समझना चाहिए कि सॉल्वर का सहारा लेना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि इससे उनके करियर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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धांधली के खिलाफ सख्त कानून
सरकार और संबंधित संस्थाओं को परीक्षा में धांधली रोकने के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए और उन्हें प्रभावी तरीके से लागू करना चाहिए। बायोमीट्रिक और फिंगर प्रिंट जांच जैसी तकनीकों का उपयोग करके परीक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत और सुरक्षित बनाया जा सकता है। पुलिस भर्ती परीक्षा 2018 में मंगला प्रसाद द्वारा सॉल्वर का सहारा लेने का मामला शिक्षा प्रणाली में व्याप्त धांधली की गंभीरता को दर्शाता है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि ऐसे मामलों के खिलाफ सख्त कदम उठाना और जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए संबंधित संस्थाओं को सतर्क रहना होगा और तकनीकी उपायों का प्रभावी उपयोग करना होगा।
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