लखनऊ संवाददाता- विवेक शाही
लखनऊ: विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ के घटक संगठनों की आज नरही स्थित केन्द्रीय कार्यालय में महासंघ के संरक्षक अरुण कुमार की अध्यक्षता मे हुई एक बैठक में एमडी विद्युत वितरण निगमों को शिकायत पर संविदा कर्मियों को निकालने का दिया गया अधिकार समाप्त करके अधीक्षण अभियंता को दिए जाने सम्बन्धी आदेश एवं आठ नौ हजार रुपये महीना पर कार्यरत आउट सोर्स एसएसओ को हटाकर तीस हजार रुपये माह पर पूर्व सैनिकों को रखने का आदेश वापस लेने की मांग की गई।
बैठक मे गंगा धर त्रिपाठी, भूपेन्द्र सिंह, सुन्दर लाल, आशीष कुमार, सरफराज अली, नवल किशोर सक्सेना, रजनीश शर्मा, अशोक पाल राजेश्वर सिंह, अशोक पाल, सुनील गोस्वामी, संजय सिंह, पुनीत मिश्रा, अमित चौबे आदि पदाधिकारियों सहित विद्युत मजदूर संगठन के प्रान्तीय अध्यक्ष विमल चन्द्र पांडेय भी मौजूद थे।
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नियमित कर्मचारियों का निलंबन समाप्त किए जाने की मांग
बैठक को संबोधित करते हुए महासंघ के अध्यक्ष आर एस राय ने कहा कि ठेका लेने वाली कम्पनियों द्वारा इंजीनियरों की मिलीभगत से पुराने संविदा कर्मियों को हटाकर भारी रकम लेकर नए लोगों को रखने के कार्य पर रोक लगाने हेतु ऊर्जा निगमों के पूर्व चेयरमैन एम देवराज द्वारा वर्ष 2020 में किया गया उक्त आदेश वापस लिए जाने से इंजीनियरों और आउट सोर्स कम्पनियों को भ्रष्टाचार करने और संविदा कर्मियों का शोषण करने की खुली छूट दे दी गई है।
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उप्र संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री रामभूल सैनी और विद्युत संबिदा मजदूर संगठन के मुख्य महामंत्री पुनीत राय ने गत 16,17,18 मार्च को अभियंताओं द्वारा की गई हड़ताल में महासंघ के आवाहन पर पूरे प्रदेश में ड्यूटी पर मौजूद रहने वाले संविदा कर्मियों को बदले की भावना से निकालने की कारवाई करने का अवसर देकर चेयरमैन द्वारा संविदा कर्मियों के साथ घोर अन्याय किया गया है।
बैठक मे गत हड़ताल में ड्यूटी करने के बावजूद अभियंताओं की साजिश से निकाले गए संविदा कर्मियों को काम पर वापस लिए जाने और अनपरा परियोजना के नियमित कर्मचारियों का निलंबन समाप्त किए जाने की मांग की गई।