UP News: राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, सोमवार को राज्य कर्मचारियों (state employees) के लिए अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण देने की अंतिम तारीख थी। संपत्ति का ब्योरा अपलोड करने के लिए सभी कर्मचारियों को मानव संपदा पोर्टल का उपयोग करना अनिवार्य था। सोमवार शाम तक 95% राज्य कर्मियों ने अपनी संपत्ति का विवरण पोर्टल पर अपलोड कर दिया। अब कार्मिक विभाग और मुख्य सचिव कार्यालय इन जानकारियों की समीक्षा कर आगे की कार्रवाई करेंगे।
वेतन रोकने की चेतावनी का पड़ा असर
समय पर संपत्ति का ब्योरा न देने वाले कर्मचारियों के लिए प्रशासन ने पहले से ही सख्त कदम उठाए थे। निकाय, बिजली और अन्य विभागों के उन कर्मचारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए थे, जिन्होंने निर्धारित समय पर संपत्ति का विवरण पोर्टल पर अपलोड नहीं किया था। इसके साथ ही चेतावनी दी गई थी कि अगर 30 सितंबर तक सभी कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
99% पुलिस और कृषि विभाग के कर्मियों ने दिया ब्योरा
राज्य के विभिन्न विभागों में पुलिस, लोक निर्माण और कृषि विभाग के कर्मचारियों ने सबसे पहले और अधिक संख्या में अपनी संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड किया। पुलिस विभाग के 99% कर्मियों ने समय रहते संपत्ति का विवरण दे दिया, वहीं लोक निर्माण विभाग और कृषि विभाग के भी 99% कर्मियों ने पोर्टल पर अपनी संपत्ति की जानकारी दर्ज की।
अभी भी 39000 कर्मचारी बाकी
हालांकि, शाम 6 बजे तक मिले आंकड़ों के अनुसार, 827583 कर्मचारियों में से 788506 कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का विवरण अपलोड किया था। इसका मतलब यह है कि अभी भी लगभग 39077 कर्मचारी हैं, जिन्होंने यह काम पूरा नहीं किया है। शासन के सूत्रों का कहना है कि सोमवार देर रात तक यह संख्या बढ़ सकती है और अंतिम आंकड़े मंगलवार तक मिल सकते हैं।
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आईएएस, आईपीएस, पीसीएस और पीपीएस को मिली छूट
गौरतलब है कि आईएएस, आईपीएस, पीसीएस और पीपीएस अधिकारियों को मानव संपदा पोर्टल (Manav Sampada Portal) पर संपत्ति का विवरण देने से छूट दी गई है। इन अधिकारियों को केंद्र सरकार के पोर्टल ‘स्पैरो’ पर अपनी संपत्ति की जानकारी देने के निर्देश हैं।
विभागवार आंकड़े
पुलिस विभाग में कुल 316633 कर्मचारियों में से 315337 (99%) ने संपत्ति का ब्योरा दिया है। लोक निर्माण विभाग के 32211 में से 31821 (98%) कर्मियों ने जानकारी दी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के 76247 में से 64443 (84%) ने अपनी संपत्ति का विवरण दिया है। जल शक्ति विभाग के 45045 में से 42430 (94%) और पंचायतीराज विभाग के 109007 में से 106907 (98%) कर्मचारियों ने भी संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज कर दिया है।
पीपीएस अधिकारियों की धीमी प्रगति
प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) के 38% अधिकारियों ने अब तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। राज्य के कुल 1021 पीपीएस अधिकारियों में से केवल 648 अधिकारियों ने ही संपत्ति की घोषणा की है। इन्हें संपत्ति का ब्योरा ‘स्पैरो’ पोर्टल पर देना था, लेकिन सॉफ्टवेयर की समस्या के कारण इन्हें ऑफलाइन ब्योरा देने का निर्देश दिया गया था।
30 सितंबर तक वेतन रोकने का था आदेश
इससे पहले मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और अपर निदेशक स्थानीय निकाय ऋतु सुहास ने आदेश जारी किया था कि सभी कर्मचारी 30 सितंबर तक अपनी संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर अवश्य दें। निर्देश में स्पष्ट किया गया था कि जो कर्मचारी यह ब्योरा समय पर नहीं देंगे, उनका वेतन रोका जाएगा। शासन ने पहले यह समयसीमा 30 अगस्त तक निर्धारित की थी, जिसे बाद में 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया था। अब शासन के अधिकारियों का कहना है कि संपत्ति का विवरण देने में शेष कर्मचारी अगर समय पर जानकारी नहीं देंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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