UP News: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बड़ा बयान दिया है। बरेलवी मौलाना ने कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से मुसलमानों को मायूस होने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा रखें।
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“एक ईंट भी नहीं देंगे”
मौलाना ने स्पष्ट किया कि मुसलमानों का नजरिया साफ है कि वे मस्जिद की एक ईंट भी हिंदू पक्ष को नहीं देंगे। उन्होंने कहा, “हिंदू पक्ष और आरएसएस के साथ हम बातचीत के लिए तैयार हैं। भारत का मुसलमान सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा करता है और मायूस होने की जरूरत नहीं है।” उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में पहल करने की भी अपील की।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को सुनवाई योग्य माना है। कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन के स्वामित्व को लेकर हिंदू पक्षकारों की ओर से दाखिल सभी 15 सिविल वादों को पोषणीय मानते हुए मुस्लिम पक्ष की पांचों आपत्तियां खारिज कर दी हैं। हाईकोर्ट अब 12 अगस्त से सभी मुकदमों का एकसाथ ट्रायल शुरू करेगा। ईदगाह कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। हिंदू पक्ष का तर्क था कि इस मामले पर पूजा स्थल अधिनियम या वक्फ बोर्ड कानून लागू नहीं होता है। उनका दावा है कि शाही ईदगाह परिसर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन पर स्थित है।
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“समझौते के तहत मंदिर की जमीन दी गई”
हिंदू पक्ष ने आरोप लगाया कि समझौते के तहत मंदिर की जमीन शाही ईदगाह कमेटी को दी गई, जो नियमों के खिलाफ है। हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की सिविल वाद की पोषणीयता वाली याचिकाओं को मंजूर कर लिया है। इस फैसले के तहत, अब हिंदू पक्ष को उनके दावे की वैधता पर न्यायालय में आगे की सुनवाई का अवसर मिलेगा। इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद, इस मामले की कानूनी प्रक्रियाओं में तेजी आ सकती है और दोनों पक्षों को अदालत में अपने-अपने दावे प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा। हाईकोर्ट के फैसले से विवाद की जटिलता और बढ़ गई है, लेकिन इसने कानूनी प्रक्रिया को गति दी है।
योगी आदित्यनाथ से पहल की अपील
मौलाना रजवी ने कहा कि मुसलमान बातचीत के लिए तैयार हैं और वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोर्ट का फैसला न्याय और सत्य के आधार पर होगा। मौलाना रजवी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे इस मामले में पहल करें ताकि इसे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके। उनका कहना है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार की सक्रिय भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
दोनों पक्षों के लिए मौका
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से दोनों पक्षों को अपने दावे प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कैसी होती है और क्या निर्णय आता है। इस विवाद की कानूनी और राजनीतिक प्रक्रियाओं में आने वाले दिनों में और तेजी आने की संभावना है। दोनों पक्षों के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि वे न्यायिक प्रक्रिया का पालन करें और शांति बनाए रखें। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय क्या होता है और इससे विवाद का समाधान कैसे निकलता है।
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