Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक नया प्रस्ताव सामने आया है, जिसमें महिलाओं से जुड़े कई क्षेत्रों में पुरुष कर्मचारियों की जगह महिलाओं को नियुक्त करने की मांग की गई है. कानपुर की एकता गुप्ता हत्याकांड (Ekta Gupta murder case) के बाद यूपी राज्य महिला आयोग ने यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव योगी सरकार को भेजा है. इस प्रस्ताव का उद्देश्य न केवल महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि उन्हें रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करना है.
महिलाओं से जुड़े क्षेत्रों में पुरुष कर्मियों पर प्रतिबंध
बताते चले कि, राज्य महिला आयोग (State Women’s Commission) ने सुझाव दिया है कि बुटीक, जिम, योगा सेंटर, पार्लर, कपड़े की दुकान जैसी महिलाओं से संबंधित सेवाओं में पुरुष कर्मियों की बजाय महिलाओं को ही नियुक्त किया जाए. महिला आयोग का मानना है कि महिलाओं के कपड़ों की माप लेने का काम भी केवल महिला टेलर ही करें. इसी तरह जिम और योगा सेंटरों में भी महिला प्रशिक्षकों को प्राथमिकता दी जाए. इसके अलावा, आयोग ने पुरुष ट्रेनरों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर नजर रखने के लिए CCTV कैमरों की अनिवार्यता पर भी जोर दिया है.
कानपुर हत्याकांड के बाद उठाए गए कदम
आपको बता दे कि, कानपुर (Kanpur) में एक जिम ट्रेनर द्वारा एकता गुप्ता की हत्या की घटना के बाद महिला आयोग (Women’s Commission) ने इस मामले को गंभीरता से लिया और विभिन्न विभागों से चर्चा कर यह प्रस्ताव सरकार को भेजा है. इस घटना के बाद कानपुर में स्थानीय प्रशासन ने भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसे कदम उठाए हैं. अब राज्य स्तर पर यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके.
पुरुष प्रशिक्षकों के साथ प्रशिक्षण की शर्तें
इस प्रस्ताव के अनुसार, यदि कोई महिला जिम या योगा सेंटर में पुरुष ट्रेनर से ही प्रशिक्षण लेना चाहती है, तो उसे इसके लिए लिखित अनुमति देनी होगी. महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान (Babita Singh) का कहना है कि इस निर्णय से महिलाओं को सुरक्षित माहौल मिलेगा और उनके रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कराने के उपाय किए जाएंगे.
महिलाओं की सुरक्षा के साथ रोजगार के नए अवसर
राज्य महिला आयोग का मानना है कि इस प्रस्ताव से महिलाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे. जैसे-जैसे महिलाकर्मी बुटीक, पार्लर, जिम, कपड़े की दुकान और स्कूल बसों जैसे क्षेत्रों में काम करेंगी, उनके लिए रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी. महिला आयोग का कहना है कि इससे न केवल महिलाओं को काम मिलेगा बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी.
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स्कूल बसों और अन्य जगहों पर सुरक्षा बढ़ाने के उपाय
महलिा आयोग (Women’s Commission) का ध्यान स्कूल बसों में बच्चियों के साथ होने वाली छेड़छाड़ जैसी घटनाओं पर भी है. महिला आयोग का मानना है कि महिलाओं के साथ जुड़ी हर जगह, चाहे वह स्कूल बस हो या कपड़े की दुकान, वहां महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. महिला आयोग ने सुझाव दिया है कि स्कूल बसों में केवल महिलाकर्मियों को ही नियुक्त किया जाए ताकि बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
CCTV निगरानी की अनिवार्यता
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि महिलाओं से जुड़ी सेवाओं जैसे कोचिंग सेंटर, जिम, योगा सेंटर और कपड़े की दुकानों में CCTV कैमरों की निगरानी अनिवार्य होनी चाहिए. इससे किसी भी तरह की असामान्य गतिविधि को रोकने और सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रभावी कदम उठाने में आसानी होगी. CCTV कैमरों की निगरानी से महिलाएं अपने आप को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगी.
रोजगार के साथ सुरक्षा का संयोजन
महिला आयोग (Women’s Commission) के इस फैसले का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाना और रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है. महिला आयोग का मानना है कि महिलाओं के लिए निर्धारित क्षेत्रों में महिलाकर्मियों की नियुक्ति से उन्हें सुरक्षित वातावरण मिलेगा। इससे वे निडर होकर अपनी सेवाएं दे सकेंगी और साथ ही आत्मनिर्भर बन सकेंगी. आयोग ने इस प्रस्ताव में कहा है कि महिला प्रशिक्षकों की नियुक्ति से महिलाओं को प्रशिक्षित और पेशेवर अवसर प्राप्त होंगे.