UP News: उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनावों और विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। इस बदलाव में 75 में से 73 जिलों के प्रभारी मंत्रियों के प्रभार बदले गए हैं। पीलीभीत और मिर्जापुर को छोड़कर सभी जिलों में नए प्रभारी मंत्री नियुक्त किए गए हैं। सीएम योगी ने इस बदलाव का मकसद चुनावी तैयारियों को और मजबूत करना और जिलों में सुशासन को प्राथमिकता देना बताया है।
मंत्रियों को जमीनी स्तर पर काम करने का निर्देश
सीएम योगी ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे महीने में एक बार कम से कम 24 घंटे अपने प्रभार वाले जिलों में प्रवास करें। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि हर महीने कोर कमेटी के साथ चर्चा कर संबंधित विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने विस्तृत रिपोर्ट पेश करें। इस बदलाव का उद्देश्य लोकसभा चुनावों और उपचुनावों के लिए सरकार और संगठन को मजबूत करना है।
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प्रभारियों की समीक्षा और कामकाज का लेखा-जोखा
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों के अब तक किए गए कामकाज की भी समीक्षा की। साथ ही, उन्हें निर्देश दिया कि संगठन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करें और शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाएं। मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में प्रबुद्ध जन, धार्मिक नेताओं, प्रगतिशील किसानों, व्यापारिक संगठनों और अन्य सामाजिक नेताओं के साथ बैठकर संवाद स्थापित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
प्रमुख मंत्रियों को मिली खास जिम्मेदारी
सीएम योगी ने कुछ प्रमुख मंत्रियों को विशेष जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है। सुरेश खन्ना को अब लखनऊ के साथ वाराणसी का भी प्रभार दिया गया है। यह बदलाव इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत का अंतर घटा था। स्वतंत्रदेव सिंह को गोरखपुर और प्रयागराज की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रयागराज में कुर्मी बहुल फुलपुर सीट पर उपचुनाव होना है, जिसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप को मैनपुरी और शाहजहांपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो करहल सीट पर उपचुनाव से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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दो डिप्टी सीएम और सीएम को मिली विशेष जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद के साथ दोनों उप मुख्यमंत्री, केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। इन तीनों नेताओं को 25-25 जिलों की समीक्षा का कार्य सौंपा गया है। प्रभारी मंत्रियों के प्रभार में हर चार महीने में रोटेशन के आधार पर बदलाव होगा, जिससे सभी मंत्री अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर तालमेल बिठा सकें और जनता की समस्याओं का समाधान कर सकें।
भाजपा के सदस्यता अभियान में सहयोग की अपील
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सभी मंत्रियों से अपील की है कि वे जिलों में संगठन के पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर पार्टी के सदस्यता अभियान में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि बूथ स्तर पर संगठनात्मक क्रियाकलापों को तेज करने की जरूरत है, ताकि पार्टी को चुनावों में मजबूती मिल सके। महामंत्री संगठन धर्मपाल ने भी उपचुनावों की तैयारियों पर जोर देते हुए मंत्रियों को जिलों में संगठन के साथ समन्वय बनाए रखने की सलाह दी।
जिलों के प्रभारी मंत्रियों की सूची
- सूर्य प्रताप शाही: अयोध्या, बहराइच
- सुरेश खन्ना: वाराणसी, लखनऊ
- स्वतंत्र देव सिंह: गोरखपुर, प्रयागराज
- बेबी रानी मौर्य: झांसी, हाथरस
- लक्ष्मी नारायण चौधरी: अलीगढ़, कासगंज
- जयवीर सिंह: आगरा, फर्रुखाबाद
- धर्मपाल सिंह: मेरठ, उन्नाव
- नन्द गोपाल गुप्ता नंदी: मिर्जापुर, बांदा
योगी सरकार का यह प्रशासनिक फेरबदल आगामी चुनावों की तैयारी के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्रियों के प्रभार में किए गए बदलावों का उद्देश्य जनता के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना और सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ संदेश दिया है कि सरकार और संगठन दोनों को मिलकर चुनावी चुनौती का सामना करना होगा।
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