UP IAS Transfer: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में राज्य में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल किया है। इस फेरबदल के तहत 11 आईएएस अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है, जिनमें कानपुर और आजमगढ़ के मंडलायुक्त भी शामिल हैं। इस बदलाव के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर भी फेरबदल किया गया है, जिसमें प्रमुख सचिव आलोक कुमार और अमित गुप्ता के नाम प्रमुख हैं।
प्रशासनिक फेरबदल की प्रमुख वजहें
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यह फेरबदल राज्य में प्रशासनिक कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किया है। इस फेरबदल में राज्य सचिवालय के कई आईएएस अधिकारियों का कार्यक्षेत्र बदला गया है। विशेष रूप से, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के प्रमुख सचिव और महानिरीक्षक निंबधन के पद का दायित्व अब अलग-अलग देने के बजाय अमित गुप्ता को सौंपा गया है। अमित गुप्ता इससे पहले कानपुर के मंडलायुक्त थे, और अब उन्हें इस महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कानपुर और आजमगढ़ के मंडलायुक्त का तबादला
इस फेरबदल के तहत कानपुर और आजमगढ़ के मंडलायुक्तों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है। कानपुर के मंडलायुक्त अमित गुप्ता को अब स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के प्रमुख सचिव का दायित्व सौंपा गया है, जबकि आजमगढ़ के मंडलायुक्त को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बदलाव के बाद यह माना जा रहा है कि अन्य जिलों के जिलाधिकारी भी जल्द ही बदल सकते हैं, क्योंकि राज्य में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जा चुका है और चुनावी तैयारियां चल रही हैं।
अन्य प्रमुख फेरबदल
इस फेरबदल में प्रमुख सचिव आलोक कुमार (द्वितीय) को खेल व युवा कल्याण विभाग के प्रभार से अवमुक्त कर दिया गया है। अब उनके कार्यक्षेत्र में कुछ और बदलाव किए गए हैं, ताकि राज्य सरकार के प्रशासनिक कार्यों को और बेहतर तरीके से संचालित किया जा सके। इसके अतिरिक्त, कई अन्य आईएएस अधिकारियों के कार्यक्षेत्र भी बदले गए हैं, ताकि सरकारी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके और प्रशासन में दक्षता बनी रहे।
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तबादलों की संभावना
अब जबकि यूपी में चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं, यह संभावना जताई जा रही है कि कई और जिलाधिकारियों के तबादले हो सकते हैं। मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद राज्य सरकार और चुनाव आयोग की प्राथमिकता प्रशासनिक तैयारियों को सही दिशा में सुनिश्चित करना होगा। इससे यह भी स्पष्ट है कि प्रशासनिक फेरबदल के बाद अब राज्य में चुनावी माहौल को और अधिक सशक्त किया जाएगा।