Uttar Pradesh: अगले महीने यानी जुलाई से ब्रिटिश राज के औपनिवेशिक कानूनों का अंत हो जाएगा और जल्द ही तीन नए कानून लागू हो जायेंगे। 1 जुलाई से पहले के सभी मामले पुराने कानूनों के तहत दर्ज होंगे। नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों और पेपर लीक करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान बनाया गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार (DGP Prashant Kumar) ने नए कानूनों के बारे में जानकारी देते हुए, कहा इनमें जांचकर्ता हर कदम पर उत्तरदायी होंगे। भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) 2023 पर केंद्रित है नए कानून। इनकी मंशा है तीन साल में न्याय दिलाने और लंबित मामलों का तुरंत निस्तारण करना है।
विस्तारित दंड प्रावधान
एडीजी प्रशिक्षण सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि छोटे अपराधों की छह धाराओं में आरोपी को सीमित अवधि के लिए कुछ सामुदायिक कार्य करने के लिए दंड का प्रावधान है। इनमें जीरो एफआईआर हो सकेगी किसी भी थाने में। बुजुर्ग, दिव्यांग और तीन साल से कम सजा वाले अपराधों में गिरफ्तारी से पहले डीएसपी या ऊपर के रैंक के अधिकारी की अनुमति अनिवार्य होगी।
नए कानूनी प्रावधान
- बच्चों से अपराध करवाना, आपराधिक कृत्य में शामिल करना दंडनीय अपराध
- नाबालिग बच्चों की खरीद-फरोख्त जघन्य अपराधों में शामिल
- नाबालिग से गैंगरेप पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड
- पीड़ित का अभिभावक की उपस्थिति में दर्ज होगा बयान
- तलाशी और जब्ती के दौरान वीडियोग्राफी जरूरी
- घटनास्थल की वीडियोग्राफी डिजिटल लॉकर में होगी सुरक्षित
- 90 दिन में शिकायतकर्ता को जांच रिपोर्ट देना अनिवार्य
- गिरफ्तार व्यक्ति की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी
- इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शिकायत के तीन बाद थाने जाकर कर सकेंगे हस्ताक्षर
- 60 दिन के भीतर आरोप होंगे तय, मुकदमा समाप्त होने के 45 दिन में निर्णय
- डिजिटल एवं तकनीकी रिकॉर्ड दस्तावेजों में शामिल
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो सकेगी न्यायालयों में पेशी
- सिविल सेवकों के खिलाफ मामलों में 120 दिन में निर्णय अनिवार्य
- छोटे और कम गंभीर मामलों के लिए समरी ट्रायल अनिवार्य
- पहली बार अपराध पर हिरासत अवधि कम, एक तिहाई सजा पूरी करने पर जमानत
- गैंगरेप में 20 साल की सजा, आजीवन कारावास
- यौन संबंध के लिए झूठे वादे करना या पहचान छिपाना अब अपराध
- पीड़िता के घर पर महिला अधिकारी की मौजूदगी में बयान दर्ज होगा