UP News: शारदा सहायक नहर की पटरी कटने से पिछले तीन दिनों से जलमग्न हुए गांवों से आखिरकार पानी निकल गया है, लेकिन खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है। इससे फसलों के खराब होने की आशंका गहरा गई है और संपर्क मार्ग भी लबालब हैं। गांवों में पानी के निकलने के बाद तबाही का मंजर स्पष्ट हो गया है। रमुवापुर और बाघपुरवा में 10 कच्चे मकान ढह गए हैं, वहीं करीब 20 कच्चे घरों को नुकसान पहुंचा है।
सैलाब से गृहस्थी का सामान बर्बाद
अचानक आई बाढ़ ने लोगों की गृहस्थी को भी प्रभावित किया है। घरों में रखे बर्तन, राशन और अन्य सामान बह गए हैं। रास्तों और घरों के अंदर कीचड़ से भरे हुए हैं, जिससे लोगों की दिनचर्या सामान्य नहीं हो पाई है। मंगलवार रात से पहले ब्लॉक के बजेहरा मार्ग और आहेवा पुल पर पानी का बहाव शुरू हो गया, जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है। सिंचाई विभाग ने शारदा नहर की कटान वाली जगह की मरम्मत कर दी है, लेकिन स्थिति की गंभीरता कम नहीं हुई है।
नहर की पटरी कटने से हुई बर्बादी
रुसहन पुल के पास शारदा सहायक नहर की पटरी कट जाने के बाद नहर का पानी तेजी से आसपास के 16 गांवों में फैल गया। इसके परिणामस्वरूप खेतों में लगी फसलें डूब गईं और कई लोग अपने घरों में फंस गए। प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम ने राहत और बचाव कार्य में तत्परता दिखाई, और प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मंडलायुक्त रोशन जैकब और डीएम अभिषेक आनंद ने स्थिति का जायजा लिया।
रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ता प्रभाव
तीसरे दिन पानी निकलने के बाद प्रभावित गांवों में बर्बादी की स्थिति दिखाई दे रही है। रमुवापुर में कई कच्चे मकान ढह गए हैं और बाघपुरवा में भी स्थिति गंभीर है। विमला देवी और डल्ला देवी जैसे प्रभावित लोगों ने बताया कि अचानक आए पानी के कारण उनकी गृहस्थी बर्बाद हो गई है। बर्तन, राशन, बिस्तर, कपड़े और पैसे सब बह गए हैं। इस आपदा के कारण इन लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
किसानों की फसलें बर्बाद
शारदा सहायक नहर के कटाव के कारण हजारों बीघा फसलें पानी में डूब गई हैं। कई किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं, जिससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। किसानों का कहना है कि उनकी जीविका का प्रमुख साधन खेती ही है, और फसल बर्बाद होने से अब वे भविष्य को लेकर चिंतित हैं। सद्दूपुर निवासी पवन कुमार और महरिया निवासी मुख्तार अली ने अपनी फसलें बर्बाद होने की पुष्टि की है।
विद्यालयों में भी जलभराव, पढ़ाई प्रभावित
जलभराव की स्थिति से कई विद्यालय भी प्रभावित हुए हैं। प्राथमिक विद्यालय सरैया चलाकापुर, प्राथमिक विद्यालय जदवापुर और अन्य निजी विद्यालयों में पानी भर गया है, जिससे पढ़ाई दो दिनों से बाधित है। इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं का असर सिर्फ फसलों और मकानों तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि यह लोगों की जीवनशैली और भविष्य को भी प्रभावित करता है। प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण और सहायता की तत्काल जरूरत है ताकि लोगों की जिंदगी जल्द से जल्द पटरी पर लौट सके।
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