ED Raid Vinay Shankar Tiwari: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता विनय शंकर तिवारी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ED ने सोमवार को लखनऊ, गोरखपुर और मुंबई स्थित उनके दफ्तरों पर छापेमारी की। यह छापेमारी उनकी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी अन्य कंपनियों के दफ्तरों पर की गई। इस कार्रवाई का कारण उनके खिलाफ बैंक लोन हड़पने का गंभीर आरोप है।
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बैंक लोन का गलत तरीके से इस्तेमाल और निवेश का मामला
बैंक ऑफ इंडिया समेत कई अन्य बैंकों ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, जिसमें आरोप है कि इस कंपनी ने बैंक से लिया गया लोन गलत तरीके से अन्य जगहों पर निवेश किया और लोन को हड़पने की कोशिश की। शिकायत में कहा गया है कि इस धन का इस्तेमाल बैंक के नियमों और शर्तों के विपरीत किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई ने पहले ही केस दर्ज कर जांच शुरू की थी, और अब ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अपनी जांच तेज कर दी है।
अवैध रूप से निवेश और धोखाधड़ी की कोशिश
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने लोन को विभिन्न अवैध तरीकों से दूसरी जगहों पर निवेश किया। इससे बैंकों का पैसा हड़पने की कोशिश की गई। इस छापेमारी को सार्वजनिक बैंकों के वित्तीय संसाधनों का दुरुपयोग करने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ED की यह कार्रवाई वित्तीय अपराधों से निपटने और उन्हें रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विनय शंकर तिवारी कौन हैं?
विनय शंकर तिवारी समाजवादी पार्टी के एक प्रमुख नेता और पूर्व विधायक हैं। वे पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं, जो उत्तर प्रदेश के जानेमाने राजनेता रहे हैं। उनका नाम पहले भी कई विवादों में आ चुका है, और अब गंगोत्री इंटरप्राइजेज के खिलाफ चल रही जांच ने उन्हें फिर से सुर्खियों में ला दिया है। वर्ष 2023 में, बैंक ऑफ इंडिया ने आरोप लगाया था कि गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने 200 करोड़ रुपये से अधिक की लोन राशि हड़प ली, जिसे बाद में अन्य कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बाद से गंगोत्री इंटरप्राइजेज पर सीबीआई और ED की जांच लगातार चल रही है।
ED क्या है?
ED यानी प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार का एक प्रमुख जांच एजेंसी है, जो वित्तीय अपराधों, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करती है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक अपराधों, काले धन और अवैध धन के प्रवाह को रोकना है। यह एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग (Prevention of Money Laundering Act, PMLA) के तहत काम करती है और इसमें भ्रष्टाचार, टैक्स चोरी, आतंकवाद को वित्तीय मदद देने जैसे गंभीर अपराधों की जांच की जाती है। ED खासतौर पर उन मामलों में सक्रिय रहती है, जहां सार्वजनिक और निजी वित्तीय संस्थाओं के जरिए धोखाधड़ी या वित्तीय अनियमितताएं की जाती हैं।