UP Cabinet: उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न विधानसभा उपचुनावों में भाजपा (BJP) की शानदार जीत के बाद योगी सरकार ने अब 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर फोकस करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में योगी कैबिनेट में बड़े फेरबदल की चर्चा जोर पकड़ रही है। सूत्रों के अनुसार, कई मौजूदा मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को जगह दी जा सकती है। खासकर, हाल ही में उपचुनाव जीतने वाले विधायकों और संगठन से जुड़े कुछ प्रभावशाली नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है।
योगी कैबिनेट में जल्द होगा विस्तार
भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव में 9 में से 7 सीटों पर कब्जा कर अपनी पकड़ मजबूत की है। अब कैबिनेट में इन विजयी विधायकों और संगठन के अन्य सक्रिय नेताओं को शामिल करने पर मंथन चल रहा है। सूत्रों की मानें तो योगी कैबिनेट में विस्तार और फेरबदल जनवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद किया जा सकता है।
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परफॉर्मेंस के आधार पर हटेंगे कई मंत्री
कैबिनेट विस्तार के दौरान उन मंत्रियों पर गाज गिरने की संभावना है, जो अपने कार्यकाल में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। सरकार और संगठन द्वारा मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की जा रही है, और परफॉर्मेंस खराब रहने वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इसके साथ ही, कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है। वहीं, संगठन में बेहतर प्रदर्शन करने वाले नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।
ओबीसी और दलित चेहरों को मिलेगी प्राथमिकता
भाजपा ने हाल ही में हुए उपचुनावों में ओबीसी और दलित मतदाताओं को साधने में काफी मेहनत की, जिसका नतीजा भी पार्टी की जीत के रूप में सामने आया। कैबिनेट विस्तार में इन समुदायों से जुड़े नेताओं को विशेष तरजीह देने की योजना बनाई जा रही है। 2024 के लोकसभा चुनावों में ओबीसी और दलित वोट बैंक के बिखराव से हुए नुकसान की भरपाई के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है।
इन विधायकों को मिल सकता है मौका
सूत्रों की मानें तो हालिया उपचुनावों में जीतने वाले कुछ विधायकों को मंत्री पद दिया जा सकता है। कुंदरकी और अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट से भाजपा विधायकों का नाम मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावनाओं में सबसे ऊपर है।
करहल में हारकर भी मंत्री बन सकते हैं अनुजेश यादव
मुलायम सिंह यादव के दामाद अनुजेश यादव, जो करहल सीट पर सपा के तेज प्रताप यादव से हार गए थे, को भी योगी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। भाजपा का यह कदम यादव परिवार के गढ़ में सेंध लगाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उन्हें महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। भाजपा के सहयोगी दल, जैसे रालोद और निषाद पार्टी, भी मंत्रिमंडल में अपना हिस्सा बढ़ाने की कोशिश में हैं। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और रालोद ने एक-एक मंत्री पद की मांग की है। उपचुनाव में रालोद ने मीरापुर सीट जीती थी, जो उनके पक्ष को और मजबूत करती है।
2027 की तैयारी में जुटी योगी सरकार
भाजपा और योगी सरकार अब 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर काम कर रही है। कैबिनेट विस्तार इसी तैयारी का हिस्सा है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में जल्द ही इस संबंध में उच्चस्तरीय बैठक हो सकती है, जिसमें विस्तार की रूपरेखा तय की जाएगी। इस बार कैबिनेट विस्तार में व्यापक स्तर पर बदलाव होने की संभावना है। परफॉर्मेंस खराब रहने वाले मंत्रियों की छुट्टी और नए, ऊर्जावान चेहरों की एंट्री से योगी सरकार एक बार फिर 2027 के चुनावों में अपना दमखम दिखाने के लिए तैयार हो रही है। अब देखना होगा कि यह राजनीतिक बदलाव भाजपा के लिए कितना कारगर साबित होता है।