UP ByPolls 2024: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने पहली बार उपचुनाव (By-elections) में उतरने का एलान किया है, जिससे पार्टी में बड़े बदलावों की झलक मिल रही है। बसपा ने अपने संगठन में फेरबदल कर पूरी तैयारी के साथ चुनावी मैदान में उतरने की योजना बनाई है। इसके तहत, पार्टी ने बड़े पदाधिकारियों को बदलते हुए नई टीम की नियुक्ति की है। मुनकाद अली, जो बहनजी के करीबी नेताओं में माने जाते थे, को मेरठ मंडल प्रभार से हटा दिया गया है और उनकी जगह मोहित जाटव और जगरूप जाटव को मेरठ जिला प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
नई जिम्मेदारियों के तहत फेरबदल
बसपा एक तरफ इस उपचुनाव के चलते संगठन में फेरबदल कर रही है तो वहीं पार्टी से निष्काषित किए गए लोगों की भी वापसी की जा रही है। पूर्व सांसद मुनकाद अली को मेरठ मंडल से हटाकर बरेली, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडलों का दायित्व सौंपा गया है। वहीं, पार्टी ने प्रशांत गौतम की वापसी भी सुनिश्चित की है, जो अब मेरठ मंडल के विभिन्न जिलों के प्रभारी होंगे। योगेन्द्र जाटव भी इस टीम में शामिल हुए हैं। इसके अलावा, मोहित आनंद को सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल से मुक्त कर दिया गया है, और उनकी जगह नई जिम्मेदारियों का प्रबंधन किया जा रहा है।
विपणन और प्रबंधन में नए चेहरे
प्रशांत गौतम और योगेन्द्र जाटव की नियुक्ति के साथ-साथ, मोहित आनंद, डा. कमल सिंह और दारा सिंह प्रजापति को भी मेरठ मंडल की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी की रणनीति के अनुसार, मेरठ मंडल में महत्वपूर्ण जिलों की जिम्मेदारी प्रेमचंद भारती, विनोद प्रधान और मेघानंद जाटव को दी गई है। ये बदलाव दिखाते हैं कि बसपा उपचुनाव में पूरी ताकत और नई टीम के साथ उतरने की तैयारी कर रही है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय
बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक लखनऊ में आयोजित की गई है, जिसमें पार्टी की प्रमुख मायावती का एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना तय माना जा रहा है। इस बैठक में महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के साथ-साथ यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की रणनीति पर भी चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद का कद भी बढ़ाया जा सकता है।
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गठबंधन की नई संभावनाएं
बसपा ने हरियाणा में इनेलो के साथ गठबंधन किया है, और महाराष्ट्र में भी किसी स्थानीय पार्टी से गठबंधन की संभावनाओं पर मंथन किया जाएगा। उपचुनाव की सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय करने और बची हुई सीटों पर चर्चा की जाएगी। यह पूरी कवायद दिखाती है कि बसपा ने उपचुनाव के लिए पूरी तैयारी की है और वह एक मजबूत रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए प्रतिबद्ध है।