UP By Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ आया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP), राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और समाजवादी पार्टी (सपा) के 10 विधायकों ने जीत दर्ज की थी, जो अब लोकसभा के सदस्य बन चुके हैं। इन 10 विधायकों में करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर विधानसभा सीटों के विधायक शामिल हैं। इन सीटों को विधानसभा द्वारा खाली घोषित कर दिया गया है और भारत निर्वाचन आयोग जल्द ही उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकती है।
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राज्यसभा चुनाव के दौरान मची बगावत
फरवरी 2024 में उत्तर प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनावों के दौरान एक नई सियासी कहानी सामने आई। सपा के सात विधायक—पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी, राकेश प्रताप सिंह, राकेश पांडेय, अभय सिंह, आशुतोष मौर्य और मनोज पांडेय— मतदान के दिन बागी हो गए थे। इन सभी विधायकों पर आरोप है कि इन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को वोट दिया था।
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बीजेपी से सपा के बागी विधायकों ने की मुलाकात
हाल ही में, सपा के बागी विधायक राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर सुनील बंसल से मुलाकात की। इस मुलाकात में यूपी से बीजेपी के राज्यसभा सांसद संजय सेठ भी मौजूद थे। इस मुलाकात के राजनीतिक निहितार्थ यह हैं कि सपा के ये बागी विधायक भविष्य में इस्तीफा दे सकते हैं, जिससे यूपी में 10 की बजाय 17 सीटों पर उपचुनाव की स्थिति बन सकती है।
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बीजेपी की रणनीति
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में इस्तीफे की कोई स्पष्ट स्थिति नहीं है। बीजेपी अभी इस स्थिति में नहीं है कि सपा के बागी विधायकों को कोई ठोस प्रस्ताव दे सके। इसके अतिरिक्त, यह भी स्पष्ट नहीं है कि सिटिंग विधायकों को टिकट मिलने की स्थिति में वे अपनी सीटें पुनः जीत सकेंगें या नहीं। सूत्रों के अनुसार, यूपी में विधान परिषद की कुछ सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी इन बागी विधायकों की मदद से विधान परिषद में अपना दबदबा बनाए रख सकती है। ऐसे में अभी सपा के बागियों के इस्तीफा देने की स्थिति नहीं बन रही है।
सपा की बागियों के खिलाफ बनायी रणनीति
वर्तमान में सपा ने अपने बागियों के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष से कोई औपचारिक शिकायत भी नहीं की है, जिससे इन विधायकों की कुर्सी को खतरा नहीं है। अगर ये बागी विधायक इस्तीफा देते हैं, तो यूपी में 17 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस प्रकार, यूपी की राजनीति में आगामी दिनों में होने वाले घटनाक्रम पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इन बागी विधायकों की राजनीति में आने वाले समय में क्या भूमिका होती है।
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