UP By-Election: उत्तर प्रदेश उपचुनाव (Uttar Pradesh by-election) के मद्देनजर, बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने मिल्कीपुर सुरक्षित सीट के लिए अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. पार्टी ने रामगोपाल कोरी को एक बार फिर मिल्कीपुर से उम्मीदवार बनाया है. बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल के साथ रविवार को मायावती से मुलाकात के बाद, कोरी की उम्मीदवारी की अटकलें सच साबित हुईं. रामगोपाल कोरी (Ram Gopal Kori) 2017 में भी बीएसपी के टिकट पर मिल्कीपुर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि तब वह तीसरे स्थान पर रहे थे. उन्हें उस चुनाव में 54,000 वोट मिले थे. इस बार भी बीएसपी ने अपने पुराने प्रत्याशी पर भरोसा जताया है और उम्मीद की जा रही है कि कोरी अपनी पिछली गलतियों से सीखते हुए बेहतर प्रदर्शन करेंगे.
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मीरापुर सीट पर शाह नजर
बताते चले कि बीएसपी ने मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) की मीरापुर (Meerapur) सीट के लिए भी अपने प्रत्याशी की घोषणा की है. पार्टी ने शाह नजर को उम्मीदवार बनाया है. शाह नजर (Shah Nazar) बीएसपी के जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं और चंद्रशेखर आजाद रावण की पार्टी से जुड़े रहे हैं. मायावती ने मीरापुर में चंद्रशेखर के करीबी सहयोगी को तोड़कर अपना उम्मीदवार बनाया है, जो इस चुनाव में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम माना जा रहा है. शाह नजर के चुनावी मैदान में उतरने से बीएसपी की मीरापुर में स्थिति मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है.
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राजनीतिक रणनीति और भविष्य की योजना
आपको बता दे कि बीएसपी की यह रणनीति पुराने प्रत्याशियों को पुनः मौका देकर अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की कोशिश है. रामगोपाल कोरी को मिल्कीपुर में एक बार फिर से मौका दिया गया है, जबकि शाह नजर (Shah Nazar) को मीरापुर (Meerapur) सीट के लिए उम्मीदवार बनाया गया है, जो पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक कदम है. यह चुनाव बीएसपी के लिए एक अवसर हो सकता है अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने का और आगामी चुनावों के लिए अपनी राजनीतिक ताकत को पुनः स्थापित करने का.
बीएसपी की रणनीति
बीएसपी की ओर से किए गए ये प्रत्याशियों की घोषणा यूपी उपचुनाव के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है. रामगोपाल कोरी और शाह नजर के चयन से पार्टी की रणनीति स्पष्ट होती है, जिसमें पुराने और अनुभवी नेताओं को मौका देकर चुनावी मैदान में उतरने की योजना बनाई गई है. आगामी उपचुनाव में इन प्रत्याशियों की सफलता पर बीएसपी की राजनीति की दिशा और पार्टी की भविष्यवाणी भी निर्भर करेगी.
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