UP by-election: उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनाव (UP by-election) से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजनीतिक बिसात बिछानी शुरू कर दी है। सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग का गठन करते हुए 9 सदस्यों की नियुक्ति की घोषणा की है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बाराबंकी के हैदरगढ़ से विजेता रहे पूर्व विधायक बैजनाथ रावत (Baijnath Rawat) को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। साथ ही, गोरखपुर के पूर्व विधायक बेचन राम और सोनभद्र के जीत सिंह खरवार को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आयोग में 9 सदस्यों की नियुक्ति
योगी सरकार द्वारा गठित अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष, और 9 सदस्यों की नियुक्ति की गई है। जिन सदस्यों को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है, उनमें हरेंद्र जाटव, महिपाल वाल्मिकी, संजय सिंह, दिनेश भारत, शिव नारायण सोनकर, नीरज गौतम, रमेश कुमार तूफानी, नरेंद्र सिंह खजूरी, और तीजाराम शामिल हैं। यह आयोग राज्य में अनुसूचित जाति और जनजाति के अधिकारों की सुरक्षा और उनके उत्थान के लिए काम करेगा।
बैजनाथ रावत: राजनीति के अनुभवी योद्धा
बैजनाथ रावत का राजनीतिक सफर काफी लंबा और प्रभावशाली रहा है। वह तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं। 1998 में उन्होंने बाराबंकी से सांसद का चुनाव जीता था। साथ ही, उन्हें यूपी सरकार में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। बैजनाथ रावत बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ के पास स्थित एक छोटे से गांव के निवासी हैं और दलित परिवार से आते हैं।
Read more: UP Police Bharti Exam: फर्जी प्रश्नपत्र लीक करने के आरोप में यूपी एसटीएफ ने एक ठग को किया गिरफ्तार
2022 में टिकट कटने पर जताई नाराजगी
हालांकि, बैजनाथ रावत के राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था। बीजेपी ने उनकी जगह हैदरगढ़ से दिनेश रावत को टिकट दिया था, जिससे बैजनाथ रावत पार्टी से नाराज हो गए थे। उन्होंने पार्टी आलाकमान से नाराजगी जाहिर करते हुए यह सवाल उठाया था कि क्या उनका दलित समाज से होने के कारण उनका टिकट काटा गया।
खेती और पशुपालन से जुड़े हैं रावत
बैजनाथ रावत राजनीति में लंबा समय बिताने के बावजूद एक साधारण और सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं। वह खुद खेती करते हैं और अपने जानवरों की देखभाल भी खुद ही करते हैं। हालांकि, अब अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनकी जिम्मेदारियां और भी बढ़ गई हैं।
Read more: UP: BJP विधायक की टिप्पणी पर अखिलेश यादव का कड़ा विरोध, Mayawati को लेकर लगाए गए आरोपों पर उठाए सवाल
उपचुनावों की तैयारी में जुटी योगी सरकार
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की दस सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं। ऐसे में योगी आदित्यनाथ सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग की नियुक्तियों के माध्यम से उपचुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। यह नियुक्तियां भाजपा सरकार की एक रणनीतिक चाल मानी जा रही है, जिससे राज्य के दलित और जनजातीय समुदायों को साधा जा सके।
इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि योगी सरकार उपचुनावों को लेकर कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती। इस आयोग के गठन के साथ ही सरकार ने अपने दलित और जनजातीय वोट बैंक को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी उपचुनावों में भाजपा सरकार की यह रणनीति कितनी कारगर साबित होती है।
Read more: Pune Helicopter Crash: मुंबई से हैदराबाद जा रहा हेलीकॉप्टर हुआ दुर्घटनाग्रस्त, चार लोग थे सवार