UP by-polls: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (UP By Election) के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में कई प्रमुख नेताओं के नाम शामिल हैं, जिनमें सपा मुखिया अखिलेश यादव, सांसद रामगोपाल यादव, और डिंपल यादव जैसे नाम शामिल हैं। हालांकि, सबसे चौंकाने वाला नाम आजम खान का है, जो फिलहाल तो वर्तमान में सीतापुर जेल में बंद हैं। हालांकि सपा द्वारा जारी की गई इस सूची में पहले स्थान पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम है।
क्या जेल से बाहर आकर आजम खान करेंगे प्रचार?
समाजवादी पार्टी द्वारा द्वारा जारी की गई 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट में वैसे तो कई नाम शामिल है मगर आजम खान (Azam Khan) का नाम शामिल होना सभी को हैरान कर रहा है। जेल में बंद होने के बावजूद, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे आखिर किस प्रकार सपा के प्रचार में योगदान देंगे। आजम खान का सपा में महत्वपूर्ण स्थान है, और उनके चुनावी प्रचार में शामिल होने से पार्टी की ताकत और भी बढ़ सकती है।
अन्य प्रमुख प्रचारकों के नाम
सपा की स्टार प्रचारकों की सूची में अन्य कई प्रमुख नेताओं के नाम भी हैं, जैसे कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, सपा विधायक इंद्रजीत सरोज, और यूपी विधानसभा में नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय। इनके अलावा, सपा महासचिव विशम्भर प्रसाद निषाद को भी इस लिस्ट में जगह मिली है। समाजवादी पार्टी के विभिन्न नेताओं को स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी सौंपने से पार्टी की चुनावी रणनीति में एक नया बदलाव दिखाई दे रहा है। जिस प्रकार बड़े नेताओं के नाम छांट कर निकाले गए है जाहिर यह कदम उपचुनाव में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
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13 नवंबर को होंगे उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की जिन 9 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें गाजियाबाद सदर, मीरापुर, फूलपुर, मझवां, करहल, कुंदरकी, खैर, कटेहरी और सीसामऊ शामिल हैं। इन सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा, और सपा, बीजेपी और बसपा ने पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस उपचुनाव में सपा की ताकत और चुनौतियों का सामना करना होगा। एक ओर जहां पार्टी के पास अनुभवी नेताओं की टीम है, वहीं दूसरी ओर आजम खान का जेल में होना पार्टी की चुनावी रणनीति पर भी शायद असर डाल सकता है। अब देखना यह है कि क्या आजम खान की अनुपस्थिति पार्टी के चुनावी परिणामों पर असर डालेगी या उपस्थिति। सपा का यह प्रयास उपचुनाव में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश का हिस्सा है। इससे पहले बीजेपी और बसपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।
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