Hindu Nav Varsh wishes: गुड़ी पड़वा भारतीय संस्कृति का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो खासकर महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन के साथ चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।

2025 में गुड़ी पड़वा का पर्व 30 मार्च को मनाया जाएगा।गुड़ी पड़वा न केवल एक नए साल का स्वागत है, बल्कि यह खुशियों, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन को विशेष रूप से घरों की सफाई, नए कपड़े पहनने, और अपनों को शुभकामनाएँ देने का अवसर माना जाता है।
गुड़ी पड़वा की पूजा विधि

गुड़ी पड़वा पर विशेष पूजा विधि होती है, जिसमें लोग एक बांस की लकड़ी पर उल्टा चांदी, तांबा या पीतल का कलश रखते हैं और उसे केसरिया रंग के पताके और नीम की पत्तियों से सजाते हैं। इसे घर के सबसे ऊंचे स्थान पर रखा जाता है, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास हो। इसके बाद घर के सदस्य एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएँ देते हैं और पूरे दिन को खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं।
गुड़ी पड़वा शुभकामना संदेश

- गुड़ी पड़वा के अवसर पर अपने प्रियजनों, परिवार और दोस्तों को शुभकामनाएँ भेजना एक परंपरा बन चुकी है। इस खास दिन को और भी खास बनाने के लिए आप इन बेहतरीन शुभकामना संदेशों का उपयोग कर सकते हैं:
- “नए साल की शुरुआत के इस खास अवसर पर, माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद और भगवान गणेश की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे। गुड़ी पड़वा की ढेर सारी शुभकामनाएँ!”
- “गुड़ी पड़वा के इस पावन अवसर पर, आपके जीवन में खुशियाँ और समृद्धि का वास हो। नववर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएँ!”
- “आपके जीवन में नया साल खुशियाँ और सफलता लेकर आए। गुड़ी पड़वा के इस शुभ अवसर पर आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ!”
- “गुड़ी पड़वा का पर्व आपके जीवन में नई उम्मीदों, नए लक्ष्यों और नए अवसरों की शुरुआत हो। नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!”
- “नववर्ष की शुरुआत के इस खास मौके पर, भगवान से आपके हर सपने को साकार करने की कामना करता हूँ। गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएँ!”
गुड़ी पड़वा और इसकी विविधता

गुड़ी पड़वा को अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न नामों से मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इसे “गुड़ी पड़वा” के नाम से जाना जाता है, जबकि कर्नाटका और आंध्र प्रदेश में इसे “उगाड़ी” कहा जाता है। इस दिन को विभिन्न रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाने का तरीका हर क्षेत्र में थोड़ा भिन्न होता है, लेकिन इसका उद्देश्य एक ही होता है – एक नए और सकारात्मक साल की शुरुआत करना।