Uttarakhand: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार राज्य में बहुत जल्द यूसीसी लोगू कर सकती है.यूसीसी के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंप दी है. जिसे अब कैबिनेट में लाने के बाद विधानसभा में पेश किया जाएगा और इसके बाद इसे पास करवाकर राज्य में लागू कर दिया जाएग। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ड्राफ्ट सौंपे जाने के बाद बताया कि,हम सभी काफी लंबे समय से ड्राफ्ट का इंतजार कर रहे थे और आज हमें ड्राफ्ट मिल गया है…यूसीसी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट हमें सौंप दी है,अब हम इस मामले में आगे बढ़ेंगे,हम इस मसौदे का परीक्षण करेंगे और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसे विधानसभा में चर्चा के दौरान रखेंगे,इस पर आगे चर्चा की जाएगी।
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जस्टिस रंजना देसाई कमेटी ने पेश किया ड्राफ्ट
आपको बता दें कि,जस्टिस रंजना देसाई कमेटी की ओर से यूसीसी पर रिपोर्ट तैयार की गई है.उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद महिलाओं के अधिकार बढ़ जाएंगे.प्रदेश में बहु विवाह पर रोक लगेगी,अभी मुस्लिम समाज के पर्सनल लॉ के तहत उन्हें 4 विवाह की इजाजत मिली हुई है…..इसके अलावा संपत्ति में अधिकार पर भी बड़ा फैसला हो सकता है.
यूसीसी लागू होने के बाद लड़कियों को भी पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलेगा,मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार मिलेग,इससे गोद लेने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी।लड़कियों को भी लड़कों के बराबर विरासत में अधिकार मिलेगा.मुस्लिम समुदाय के भीतर इद्दत जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लग सकता है,वहीं पति और पत्नी दोनों को तलाक की प्रक्रियाओं को लेकर समान अधिकार मिलेंगे।
UCC लागू होने से महिलाओं को मिलेंगे कई अधिकार
यूनिफॉर्म सिविल कोड में सभी वर्ग के लोगों को लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए रजिस्ट्रेशन को जरूरी किया जाएगा.लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को अपनी जानकारी देना अनिवार्य होगा.ऐसे रिश्तों में रहने वाले लोगों को अपने माता-पिता की जानकारी देनी होगा.लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए पुलिस में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा….यूसीसी लागू होने के बाद विवाह रजिस्ट्रेशन को भी अनिवार्य किया जा सकता है.बिना रजिस्ट्रेशन विवाहित जोड़ो को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
यूसीसी में नौकरीपेशा बेटे की मृत्यु की स्थिति में बुजुर्ग माता- पिता के भरण- पोषण की जिम्मेदारी पत्नी पर दिए जाने का प्रावधान किया जा सकता है।वहीं, पति की मृत्यु की स्थिति में अगर पत्नी दुबारा शादी करती है तो उसे मिला हुआ मुआवजा माता- पिता को दिया जाएगा। पत्नी की मृत्यु होने की स्थिति में उसके माता- पिता का सहारा नहीं रहने की स्थिति में उनकी देखरेख की जिम्मेदारी पति पर होगी। अनाथ बच्चों के लिए संरक्षण की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। पति- पत्नी के बीच विवाद के मामलों में बच्चों की कस्टडी उनके दादा- दादी को दिए जाने का प्रावधान दिया जा सकता है।
सपा विधायक ने बीजेपी पर साधा निशाना
वहीं उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने की दशा में संभल से सपा विधायक इकबाल महमूद ने कहा कि,उत्तराखंड में धामी सरकार यूसीसी लागू करने की बात कह रही है.लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी की तरफ से ऐसी बयानबाजी की जा रही है, लेकिन बीजेपी यूसीसी लागू नहीं कर सकती है। इकबाल महमूद ने कहा कि,बीजेपी बहुमत में है तो कुछ भी कर सकती है. हमारी सरकार आएगी तो हम फैसले को बदल देंगे. अब दौर बदल गया है.
मदरसों में साइंस और टेक्नोलॉजी पढ़ाएं वरना जनता बीजेपी को नेस्तनाबूत कर देगी. सपा विधायक ने कहा कि ये तो उत्तराखंड की बात है. केंद्रीय मंत्री ने पूरे देश में यूसीसी लागू करने को कहा है. बीजेपी यूसीसी लागू करके दिखाए? यूसीसी लागू नहीं होगा.कुछ दिन में चुनाव आने वाले हैं,उसकी वजह से ऐसी बयानबाजी हो रही है.चुनाव खत्म होते ही सब कुछ शांत हो जाएगा।
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