Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 22 जनवरी को हैं। जिसको लेकर अभी से तैयारियां शुरु हो गई हैं। वहीं आने वाले 5 नवम्बर को अक्षत पूजा का कार्यक्रम हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी पांच नवम्बर को होने वाली ‘अक्षत पूजा’ के लिये 100 क्विंटल चावल मंगवाया है। जिसे पूरे देश में रामभक्तों के बीच वितरित किया जाएगा।
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रामभक्तों के बीच चावल वितरित किया जाएगा
आपको बता दे कि 5 नवम्बर को अक्षत पूजा हैं जिसके लिए देश भर में रामभक्तों के बीच चावल वितरित किया जाएगा। राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय ने मंगलवार को बताया कि ट्रस्ट ने 100 क्विंटल चावल का ऑर्डर दिया है, जिसका इस्तेमाल ‘अक्षत पूजा’ में किया जाएगा और फिर उसे देश भर में रामभक्तों के बीच वितरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही एक क्विंटल पिसी हुई हल्दी और देसी घी का भी ऑर्डर दिया गया हैं।
पीतल के अनेक कलशों में रखा जाएगा
सचिव चम्पत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘अक्षत पूजा’ के लिए इस्तेमाल होने वाले चावल को पिसी हुई हल्दी और देसी घी के साथ मिलाया जाएगा और फिर उसे पीतल के अनेक कलशों में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इन कलशों को आगामी पांच नवंबर को होने वाली अक्षत पूजा के दौरान भगवान राम के दरबार के सामने रखा जाएगा और फिर इसे विश्व हिन्दू परिषद द्वारा वितरित किया जाएगा। वहीं चंपत राय ने बताया कि विभिन्न प्रांतों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी दो करोड़ से अधिक पत्रक छपवाये गये हैं और ये पत्रक पूजित अक्षत (चावल) के साथ घर-घर भेजे जाएंगे।
प्रांतों के प्रतिनिधियों को पांच नवंबर को अयोध्या बुलाया
उन्होंने बताया कि अक्षत पूजा के लिए विश्व हिन्दू परिषद के सभी प्रांतों के प्रतिनिधियों को पांच नवंबर को अयोध्या बुलाया गया है। हर प्रतिनिधि को पांच किलोग्राम पूजित चावल दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि अपनी जरूरत के मुताबिक इसे अपने-अपने मंदिरों में पूजा कर जिलों के प्रतिनिधियों को देंगे एवं यही प्रक्रिया हर ब्लॉक, तहसील और गांव में की जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि अगले साल एक जनवरी से 15 जनवरी तक भारत के पांच लाख गांवों में पूजित अक्षत वितरित किया जाएगा।
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चावल को विभिन्न केंद्रों तक पहुंचाएंगे
साथ ही उन्होंने कहा कि पूजे गए चावल के साथ विभिन्न इलाकों के मठ-मंदिरों में अयोध्या जैसा उत्सव मनाने की अपील की जाएगी और भारत भर के 50 केंद्रों के कार्यकर्ता पूजे गए चावल को विभिन्न केंद्रों तक पहुंचाएंगे। जिसके बाद उन्होंने कहा कि पूजे गए चावल में किसी भी कृत्रिम रंग का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसमें सिर्फ हल्दी और देसी घी होगा और इसमें टूटे हुए चावल भी नहीं होंगे। राय ने आह्वान करते हुए कहा कि आगामी 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन हर राम भक्त शाम को पांच दीपक जलाए।