बिहार (सहरसा): संवाददाता – शिवकुमार
सहरसा। संस्कार भारती के द्वारा क्रांतितीर्थ क्रांतिधरा के बलिदान को नमन किया गया है। साथ ही कई तरह के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के अवसर पर यह कार्यक्रम संस्कार भारती बिहार प्रदेश, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय व इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड कल्चरल स्टडीज इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। क्रांतितीर्थ क्रांतिधरा के बलिदान को नमन स्वतंत्रता आंदोलन में सहरसा के क्रांतिकारियों की भूमिका के तहत स्थानीय देव रिसोर्ट, सहरसा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का किया उद्धघाटन
जिसमें बतौर उद्धघाटन कर्ता डॉक्टर गोपाल शरण सिंह और मुख्य अतिथि श्री सचेन्द्र नारायण सिंह स्वतंत्रता सेनानी ने शिरकत किया। संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्धघाटन किया गया। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत संगोष्ठी सह पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभी मेहमानों को पाग चादर देकर उनका इस्तेकबाल किया गया। वहीं विद्यालय के आये हुए प्रिंसिपल एवं टीचर को संस्कार भारती के सक्रिय सदस्यों ने बारी-बारी से मोमेंटो देकर उन्हें सम्मान दिया। वहीं उद्धघाटन कर्त्ता डॉक्टर गोपाल शरण सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा की बच्चें पढ़ लिखकर डॉक्टर और इंजीनियर जरूर बने लेकिन उससे पहले हर एक को पहले भारतीय बनना चाहिए। हर बच्चों को चाहिए की अपने इतिहास के बारे में भी जानकारी रखना चाहिए।
संस्कार भारती के जिला संयोजक रवि कुमार ने बताया की तीन विधाओं का कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। वीर रस कविता पाठ, गायन और चित्रकारी। तीनों विधाओं में 1700 बच्चें ने भाग लिया है। 35 से अधिक स्कूल इस कार्यक्रम में शामिल हुए है। देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को बच्चों के बीच याद किया गया। वहीं प्रज्ञा रंजन ने मीडिया को बताया कि भारत सरकार के तरफ से संस्कार भारती ने ये प्रोग्राम करवाया है। हमारे प्रांत के जो गुमनाम क्रांतिवीर रहे है। उनके बारे में जन-जन तक पहुंचा सके।
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बच्चों को जागरुक करने के उद्देश्य किया गया कार्यक्रम
सभी बच्चों को जागरूक कर सकें उसी दिशा में ये कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तर पर विभिन्न विधाओं में बच्चों को श्री रामनरेश सिंह, चंद्रशेखर अधिकारी व प्रभाकरण देव के द्वारा पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में जिला के 35 से अधिक विद्यालयों के बच्चों ने भाग लिया। इसी के तहत स्वतंत्रता आंदोलन में सहरसा के क्रांतिकारियों की भूमिका विषय पर संगोष्ठी भी आयोजित की गई।
जिसमें विकास वर्धन, आर्यन वत्स, श्रीमती रजनी के द्वारा अपना विचार रखा गया। मौके पर निर्णायक मंडल के भी सभी सदस्यों को उनके योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया। संयोजक रवि कुमार, सह संयोजिका आकृति झा, राहुल गौरव व कुंदन वर्मा के द्वारा कार्यक्रम की रुपरेखा तय की गई थी। कार्यक्रम संचालन हेमंत मोहन के द्वारा किया गया।