Tirupati Laddu: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबरों ने पूरे देश के मंदिरों में प्रसाद की शुद्धता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रसाद में मिलावट की घटनाओं की चर्चा जोरों पर है। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) और मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) के प्रसाद को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं।
बांके बिहारी मंदिर का प्रसाद ‘पेड़ा’ संदिग्ध
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के प्रसाद ‘पेड़ा’ पर भी संदेह उठाए जा रहे हैं। तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर संतों और भक्तों के बीच व्यापक नाराजगी देखी जा रही है। इसी कारण संतों ने मथुरा में भी प्रसाद की जांच की मांग की है। संतों के आक्रोश को देखते हुए मथुरा खाद्य विभाग की टीम ने सक्रियता दिखाई और सोमवार को मथुरा और वृंदावन के कई मंदिरों के पास स्थित प्रसाद बेचने वाली दुकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में खाद्य विभाग ने कई सैंपल भी एकत्र किए। जांच टीम के आगमन से प्रसाद विक्रेताओं में हड़कंप मच गया, जिससे कई दुकानदार अपनी दुकानें छोड़कर भागने लगे।
खाद्य विभाग की जांच में सक्रियता
बांके बिहारी मंदिर के गोस्वामी आशीष ने कहा कि यहां प्रसाद की शुद्धता बनाए रखने के लिए प्रसाद बनाते समय गुणवत्ता की जांच की जाती है। उल्लेखनीय है कि मथुरा का पेड़ा भोग के रूप में प्रसिद्द है, और श्रद्धालु इसे प्रसाद के तौर पर अपने साथ ले जाते हैं। खाद्य विभाग की जांच से स्थानीय दुकानदारों में डर का माहौल बना हुआ है।
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मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद पर विवाद
वहीं, मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद को लेकर भी चिंताएं बढ़ी हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें महाप्रसाद लड्डू के पैकेट कुतरे हुए दिखाई दे रहे हैं, और इसके अंदर चूहों के बच्चे भी नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को सिद्धिविनायक मंदिर का बताया जा रहा है। हालांकि, मंदिर प्रशासन ने इस वीडियो पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह उनके परिसर का नहीं है। फिर भी, प्रशासन ने जांच कराने का आश्वासन दिया है।
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भक्तों की सुरक्षा और शुद्धता का सवाल
इन घटनाओं ने भक्तों के बीच शुद्धता और सुरक्षा के मुद्दे को और अधिक संवेदनशील बना दिया है। मंदिरों के प्रसाद को लेकर बढ़ते संदेह ने भक्तों की आस्था को भी चुनौती दी है। श्रद्धालु अब प्रसाद के प्रति सावधानी बरतने लगे हैं, और यह मांग बढ़ रही है कि सभी मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। इस विवाद ने केवल आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहकर, पूरे देश में प्रसाद की शुद्धता और गुणवत्ता की जांच का एक नया दौर शुरू कर दिया है। भक्त अब उम्मीद कर रहे हैं कि संबंधित प्राधिकरण इन मुद्दों पर सख्त कदम उठाएंगे और उनकी आस्था को फिर से मजबूत करेंगे।