Varanasi News: आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में घी के साथ गाय का मांस, मछली का तेल और सुअर की चर्बी मिलने की रिपोर्ट के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है। इस घटना ने न केवल साधु-संतों बल्कि राजनीतिक दलों को भी आक्रोशित कर दिया है। अब इस मामले को लेकर 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है, जिससे देश की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं।
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काशी विश्वनाथ मंदिर में बढ़ी सतर्कता
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में विवाद के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रशासनिक टीम ने सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है। शनिवार की सुबह, डिप्टी कलेक्टर शंभू शरण ने काशी विश्वनाथ धाम में प्रसाद की गुणवत्ता की जांच के लिए अचानक निरीक्षण किया। उन्होंने प्रसाद बनाने की जगह का दौरा किया और वहां की स्थिति का मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्रसाद की शुद्धता और मानकों का पालन किया जाए।
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तिरुपति में मिली चर्बी पर साधु-संतों की तीखी प्रतिक्रिया
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की पुष्टि के बाद से विभिन्न धार्मिक संगठनों और नेताओं द्वारा बयानबाजी का सिलसिला जारी है। इस मामले पर चर्चा करते हुए कई साधु-संतों ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इसके अलावा, राजनीतिक हलकों में भी इस मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। मामला बढ़ने के बाद, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने एक बयान जारी कर कहा है कि प्रसाद की पवित्रता अब पूरी तरह से बहाल कर दी गई है और यह बिना किसी मिलावट के है।
केंद्रीय मंत्री की मांग
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की है और तिरुपति मंदिर के लड्डू के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने यह भी कहा है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा प्रसाद की जांच की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
आगे की कार्रवाई पर सबकी नजर
जैसे-जैसे यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच रहा है, सभी की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं। इस विवाद का समाधान जल्द से जल्द होना चाहिए ताकि श्रद्धालुओं की आस्था को कोई ठेस न पहुंचे। काशी विश्वनाथ मंदिर में भी अब लगातार गुणवत्ता जांच का सिलसिला जारी रहेगा, जिससे श्रद्धालुओं को शुद्ध और पवित्र प्रसाद मिल सके।
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