KGMU Trauma Center: केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती मरीज के बेड चार्ज में फर्जीवाड़े के मामले की जांच होगी। किरकिरी के बाद केजीएमयू प्रशासन ने चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की है।ट्रॉमा सेंटर के पांचवें तल पर स्थित क्रिटिकल केयर यूनिट में अलीमुनिशा (44) को भर्ती कर इलाज किया गया। क्रिटिकल केयर यूनिट में प्रतिदिन का बेड शुल्क 1000 रुपये है।
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चार्ज में फर्जीवाड़े की होगी जांच
आरोप हैं कि यूनिट कर्मचारियों ने मरीज के तीमारदार को तीन दिन का बेड चार्ज जमा करने को कहा। तीमारदार कैश काउंटर पर गए। कर्मचारी को पर्चा दिया। तीन दिन का 3000 रुपये शुल्क भी दिया। आईटी सेल के कर्मचारी ने शुल्क जमा करने में खेल कर दिया। कर्मचारी ने बेड चार्ज जमा करने की बजाय दूसरे मरीज रज्जन लाल की रसीद पर नाम व शुल्क बदलकर उसे तीमारदारों को थमा दिया। जबकि रज्जन लाल की यह रसीद डेंटल ओपीडी में कटी थी। भर्ती शुल्क की रसीद में बड़े पैमाने पर घपले की आशंका है। हजारों रुपये के खेल से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
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दूसरी पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपेगी
शिकायत के बाद लंबे समय तक अफसरों ने खानापूरी की। जांच कराने की जहमत नहीं की शासन प्रशासन में मामले ने तूल पकड़ा तो केजीएमयू प्रशासन ने 26 अप्रैल को चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की। इसमें सीएमएस डॉ. बीके ओझा, चीफ प्रॉक्टर डॉ. क्षितिज श्रीवास्तव, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. संदीप भट्टाचार्या और आईटी सेल की प्रमुख डॉ. ऋ चा खन्ना शामिल हैं। इस संदर्भ में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की पहली बैठक हो चुकी है। जल्द ही कमेटी दूसरी पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपेगी।