Independence Day 2024 Special: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जहां पूरे देश में खुशी का माहौल रहा। लोग धूमधाम से उत्सव मनाया और एक-दूसरे को आजादी की बधाइयाँ दी। वहीं दूसरी तरफ अदब और तहजीब के लिए हमेशा जाने जाना वाला लखनऊ एक बार फिर बदनाम हुआ। राजधानी लखनऊ (Lucknow) से एक अजीब और दुखद खबर सामने आयी है। लखनऊ के पारा क्षेत्र के मोहान रोड के काकोरी मोड़ के पास 15 अगस्त के मौके पर तिरंगा रैली का आयोजन किया गया। इस दौरान बाइक और कार रैली निकाल रहे दो गुटों के बीच वर्चस्व को लेकर विवाद हो गया, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गया। दोनों पक्षों ने जमकर हंगामा किया और खूब ईंट-पत्थर चलाए।
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रैली में जमकर हुआ हंगामा
इस हिंसक झड़प के चलते मोहान रोड पर लंबा जाम लग गया। यात्रियों और वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। राहगीरों को भी इस जाम में फंसने की वजह से काफी दिक्कतें हुईं। हंगामे के दौरान काकोरी मोड़ पर स्थित नीलम पैलेस के पास भीड़ ने जमकर ईंट और पत्थर चलाए। सवाल यह भी उठता है इतना बड़ा हंगामा होने के बावजूद, सूचना देने के बाद भी मौके पर मोहन रोड चौकी प्रभारी और इंस्पेक्टर नहीं पहुंचे। यह घटना पारा थाना क्षेत्र में हुई, जहां थानेदार की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बन गई है। दो गुटों की पत्थरबाजी में कई लोगों के घायल होने की सूचना मिली है।
हंगामे को लेकर लगा रहा सड़क पर जाम
इस घटना के चलते पूरे रोड पर चक्का-जाम लग गया। रोड पर जाम लगने की वजह से यात्री और वाहन जाम में फंस गए। इस वजह से आने-जाने वाले राहगीरों को काफी परेशानी हुई। उनको परेशानी का सामना करना पड़ा। हंगामे के दैरान लकाकोरी मोड़ मोहानरोड के पास स्थिति नीलम पैलेस पर लोगों ने चलाए ईंट और पत्थर।
पहले भी बदनाम हुआ था लखनऊ
स्वतंत्रता दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर इस तरह की हिंसक घटनाएं हमारे समाज के लिए चिंता का विषय हैं। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की कमी को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि हमारे समाज में आपसी समझ और सहनशीलता की कितनी कमी है। ऐसे अवसरों पर हमें एकजुट होकर जश्न मनाना चाहिए, न कि एक-दूसरे से भिड़ना चाहिए। कुछ दिनों पहले भी गोमती नगर जैसे पॉश इलाके में भारी बारिश के बाद कुछ हुड़दंगियों ने एक महिला संग छेड़छाड़ और राहगीरों से बदसलूकी की थी। उस घटना के बाद अब यह घटना भी बेहद शर्मनाक है।
इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। इस तरह की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हम वास्तव में आजाद हैं या हमारी मानसिकता अभी भी जंजीरों में जकड़ी हुई है। स्वतंत्रता दिवस का सही अर्थ तभी सार्थक होगा जब हम समाज में शांति और भाईचारा बनाए रखने का प्रयास करेंगे।