Mallikarjun Kharge’ : देश की नई संसद बनकर तैयार हो गई है। बीते दिन 18 सितंबर को लोकसभा में आखिरी संसद सत्र संपन्न हुई।वहीं आज से बनी नए संसद भवन में कामकाज शिफ्ट होगा । वहीं संसद का विशेष सत्र चल रहा है। बता दे कि 18 सितंबर को लोकसभा में संसद सत्र सेशन की शुरुआत हुई वहीं अब 22 तक सत्र चलेगा। इसके साथ 19 सितंबर यानि (मंगलवार) से कार्यवाही नई संसद में शुरू हुई। इस दौरान महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश हुआ। बिल पेश होने के बाद पक्ष और विपक्ष में हंगामा देखने को मिला।PM मोदी ने निचले सदन के बाद राज्यसभा को संबोधित किया।जिसके बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बिल पर अपने विचारों को रखा। वहीं मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान से राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ।
सत्तापक्ष के सांसदों ने आपत्ति जताई
बता दे कि लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री ने महिला सुरक्षा बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को पेश कर दिया। वहीं, देश के उच्च सदन यानी राज्यसभा में भी इस बिल पर चर्चा हुई। एम मोदी ने निचले सदन के बाद राज्यसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बिल पर अपने विचारों को रखा। वहीं उनके इस बयान पर सदन में हंगामा हुआ। बता दे कि खरगे ने SC, ST और OBC महिलाओं का मुद्दा उठाया और कहा कि राजनीतिक दल की आदत कमजोर महिलाओं को चुनने की है। वहीं उनके इस बयान पर सत्तापक्ष के सांसदों ने आपत्ति जताई और जमकर हंगामा किया।
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खरगे ने क्या कहा?
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, अनुसूचित जाति (SC) की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनेंगे जो शिक्षित हैं और लड़ सकते हैं। साथ ही उन्होंनेये भी कहा, मेरा कहना ये है कि कमजोर वर्ग के लोगों को हमें टिकट देते हैं। मैं सब पार्टी के लिए बोल रहा हूं। हिंदुस्तान की हर पार्टी में ऐसा है। इसी वजह से महिलाएं पीछे हैं। आप उनको बात करने नहीं देते, आप उनको कभी भी आगे बढ़ने नहीं देते।
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खरगे के इस बयान पर निर्मला सीतारमण ने दिया जवाब
वहीं मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान पर निर्मला सीतारमण ने जवाब देते हुए कहा।”हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं लेकिन यह बयान देना कि सभी पार्टियां ऐसी महिलाओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है। हम सभी महिलाओं को हमारी पार्टी, हमारे पीएम ने सशक्त बनाया है।
क़ानून बनने के बाद ..
आपको बता दे कि अगर यह बिल पास होकर कानून बन जाता हैं। तो देश में महिलाओं को भी 2024 के चुनाव में 33 फ़ीसदी आरक्षण मिल जायेगा। जिसके बाद से लोकसभा की हर तीसरी सदस्य महिला होगी। यब बात हर महिला के लिए गर्व की होगी क्योंकि महिलाओं को भी बराबरी का दर्जा मिल जाएगा।
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मोदी सरकार ने फिर इस बिल को किया पेश
अब साल 2024 में मोदी सरकार ने फिर इस बिल को एक नए सिरे से पेश करने किया हैं। बता दे कि यह बिल राज्य सभा से पास हो चुका हैं। वही अगर यह बिल लोकसभा में पारित हो जाता हैं, तो यह राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद क़ानून बन जाएगा।