Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर अस्पताल (RG Kar Hospital) में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बारासात से एम्बुलेंस में आए एक मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सका। इसके कारण मरीज को काफी परेशानी उठानी पड़ी। इसी तरह, झारखंड से आए एक मरीज को भी आउटडोर यूनिट बंद होने के कारण इलाज नहीं मिल पाया। अन्य कई मरीज भी हड़ताल के कारण इलाज से वंचित रह गए। कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुए अत्याचार के विरोध में AIIMS दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी हड़ताल की घोषणा की है। दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में ओपीडी, ओटी और वार्ड में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल रहेगी। हालांकि, इमरजेंसी सेवाओं में रेजिडेंट डॉक्टर्स काम करेंगे।
महाराष्ट्र के डॉक्टर भी शामिल
बीएमसी MARD (महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स) ने 13 अगस्त को सुबह 8 बजे से इलेक्टिव/नॉन-इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं को निलंबित करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि जब तक कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह निलंबन जारी रहेगा। इस ऐलान के साथ ही महाराष्ट्र के डॉक्टरों ने भी हड़ताल और काम बंद का समर्थन किया है।
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लखनऊ में भी डॉक्टर हड़ताल पर
लखनऊ में लगभग दो हजार रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इस हड़ताल के दौरान रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी, सर्जरी और अन्य सभी सेवाओं का बहिष्कार करेंगे। हालांकि, ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी सेवाएं बाधित नहीं होंगी। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) ने कोलकाता की घटना के विरोध में 12 अगस्त को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है।
घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया
रेजिडेंट डॉक्टरों में आक्रोश की मुख्य वजह कोलकाता की एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर की घटना है। इस घटना ने देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों को हिला कर रख दिया है। 9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। शव की हालत बेहद क्षत-विक्षत थी। पुलिस ने संजय नामक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने रेप और हत्या की बात कबूल की। फिलहाल संजय 14 दिन की पुलिस कस्टडी में है।
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डॉक्टरों की मांगें
डॉक्टरों की मुख्य मांगें हैं कि अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाई जाए और महिला डॉक्टरों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा और उत्पीड़न पर सख्त कार्रवाई की जाए। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे हड़ताल जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी ताकि किसी भी मरीज को जीवन रक्षा के लिए आवश्यक सेवाओं से वंचित न होना पड़े।
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प्रशासन की प्रतिक्रिया
हड़ताल के चलते मरीजों की परेशानियों को देखते हुए प्रशासन ने डॉक्टरों से बातचीत करने की कोशिश की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की है और उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की नियमितता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों की परेशानी बढ़ती जा रही है। प्रशासन और डॉक्टरों के बीच बातचीत जारी है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कोई समाधान निकलेगा और मरीजों को सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी शुरू होंगी। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा और डॉक्टरों के कामकाजी माहौल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह महत्वपूर्ण है कि सभी संबंधित पक्ष मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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