मांट संवाददाता : होशियार सिंह
मांट। देश के बेहतरीन रोड में शुमार यमुना एक्सप्रेस वे पर अग्निकांडों को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। वहीं 165 किलोमीटर लम्बे रोड पर मात्र 5 दमकल गाड़ियां हैं।यमुना एक्सप्रेस वे पर तकरीबन 40 दिन में एक गाड़ी अलग-अलग कारणों से आग की भेंट चढ़ जाती है। पर ऐसी घटनाओं पर तत्काल काबू पाने की कोई व्यवस्था एक्सप्रेस वे प्राधिकरण या सेवा मुहैया कराने वाली कम्पनी या पुलिस के पास नहीं है।
कई मामलों में देखने को मिलता है की राहत बचाव दल के घटना स्थल पर पहुंचने से पहले स्थिति काबू से बाहर हो चुकी होती है। समय से राहत न मिलने से हादसे में घायल लोग दम तोड़ देते है।यमुना एक्सप्रेस वे पर भीषण हादसे की के बाद से यहां होकर बड़ी मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थों से भरे हुए वाहन गुजरते हैं। असलियत यह भी है कि एक्सप्रेस वे पर अग्निकांड की भेंट चढ़े एक भी वाहन को यमुना एक्सप्रेस वे प्रबंधन सुरक्षित नहीं बचा सका।
Read more : 10 बजे दिल्ली कूच करेंगे किसान संगठन,पंजाब-हरियाणा की सीमाएं सील
नहीं है अस्पताल की व्यवस्था
165 किलोमीटर लम्बे रोड पर किसी भी तरह के अस्पताल की व्यवस्था नहीं है, जिससे हादसों में घायलों को तत्काल इलाज दिया जा सके।सूचना पर पहुंचे डीएम और एसएसपी ।जबकि रोड के शुरू होने के वक्त ट्रॉमा सेंटर बनाने की बात कही गयी थी। एक्सप्रेस वे पर हादसों में घायल को दूर अस्पताल में भेजा जाता है।नहीं बना एक भी थाना : रोड के शुरू होने पर रोड पर कई थाने बनाये जाने की बात कही गयी थी लेकिन आज तक पूरे रोड पर एक भी थाना नहीं बना। सिर्फ बाजना कट व राया कट पर पुलिस चौकी बनाई गयी हैं, पर उनके पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं।
Read more : ‘मोदी-मोदी के नारे लगा रहे लोगों के बीच खुली जीप से नीचे उतरे राहुल गांधी और फिर…
पिछले वर्ष की आग की बड़ी घटनाएं..
■ 23 दिसंबर – बलदेव क्षेत्र में माइल स्टोन 137 पर बाइक में आग, 16 नवंबर – नौहझील क्षेत्र में माइल स्टोन 64 पर बस में आग।
■ 30 सितंबर- बलदेव क्षेत्र में माइल स्टोन 125 पर कार में आग, 11 जून सुरीर क्षेत्र में माइल स्टोन 86 पर कार में आग
■ 13 अप्रैल- मांट टोल प्लाजा के समीप कार में आग, 30 जनवरी नौहझील क्षेत्र में माइल स्टोन 64 पर कार में आग।