अम्बेडकर नगर ब्यूरो: जितेन्द्र निषाद…
जनपद अम्बेडकरनगर में तमसा नदी लगातार नाले में तब्दील होती जा रही है। नदी के पानी की स्थिति के साथ जिस तरह से पूरा का पूरा पानी काला पड़ गया है वह पूजन और आचमन करने योग्य नही है।
जिला प्रशासन शहर में चलने वाले बड़ी संख्या में स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और संगठन से जुड़ लोग तसमा नदी की साफ-सफाई का दावा करती है। मगर, हकीकत इन दावों के बिल्कुल विपरीत है।अकबरपुर नगर के बीच से बहने वाली तमसा नदी को साफ स्वच्छ करने की मुहिम फिर शुरू की गई है। बीते दिनों बारिश होने के चलते नदी में बड़ी मात्रा में जलकुंभी पहुंच गई थी।
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तमसा नदी से जलकुंभी निकालने काम कोई मजाक नहीं…
नगर पालिका प्रशासन ने जेसीबी मशीन से सफाई शुरू कराई थी। शहजादपुर जाने वाले पुल के पास जमा जलकुंभी को हटाया गया। यह प्रशासन का दावा है परंतु स्थिति वीडियो में देखी जा सकती है पालिका प्रशासन द्वारा क्या कार्य करवाया गया। तमसा नदी से जलकुंभी निकालने का काम मजाक से कम नहीं है। नगर पालिका प्रशासन कई महीनों से झील से जलकुंभी निकलवा रहा है लेकिन तमसा नदी की स्थिति आज भी जस की तस है।
मुख्यालय के लोगों का कहना है…
प्रशासन तमसा नदी की सफाई पर लगातार पैसे भी खर्च कर रहा है और हासिल कुछ नहीं हो रहा। जब पैसे खर्च ही हो रहे हैं तो पालिका प्रशासन पूरी तमसा नदी को एक बार में एक बड़े अभियान के जरिए साफ क्यों नहीं कराता है? यह बात अब हर शहरवासी के मन में कौंधने लगी है। तमसा नदी संरक्षण के नाम पर कहीं हर दिन फर्जीवाड़ा तो नहीं हो रहा? तमसा नदी की सुंदरता को जलकुंभी से ज्यादा दागदार पालिका के जिम्मेदार कर रहे हैं, जिनकी कार्यप्रणाली हरेक मामले में संदिग्ध हो जाती है। जनपद मुख्यालय के लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी का आदेश और निर्देश केवल महज निरीक्षण तक ही सीमित है।