Lucknow संवाददाता : MOHD KALEEM
Gonda : स्वतंत्रता दिवस के दिन जिला अस्पताल के गेट पर एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान बच्चा गर्भ से आधा ही बाहर आ पाया और उसकी मौत हो गई। परिजन अस्पताल में जाकर मदद मांगने लगे फिर भी कोई कर्मचारी स्ट्रेचर लेकर गेट तक नहीं पहुंचा। स्ट्रेचर न मिलने के कारण परिजन महिला को अस्पताल के अंदर नहीं ले जा पाए। नतीजतन महिला ने अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया। थक हारकर परिजनों को उसे गोद में उठाकर ले जाना पड़ा। अस्पताल में इलाज के दौरान शिशु की मौत हो गई। मंगलवार शाम को हुई इस घटना के बाद हड़कम्प मच गया। डीएम नेहा शर्मा के आदेश पर तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जो पूरे मामले की जांच कर रही है।
शहर के पटेल नगर के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद शाम 6 बजे अपनी गर्भवती पत्नी अनीता को ऑटो से लेकर अस्पताल पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अस्पताल के अंदर जाकर स्ट्रेचर लाने को कहा। लेकिन कर्मचारी स्ट्रेचर लेकर नहीं आए। इस बीच, अनीता को तेज प्रसव पीड़ा हुई और गेट पर ही आधी डिलीवरी हो गई।
बच्चा गर्भ में फंसा रहा
इसके बाद राजेंद्र और उनके साथ आई महिलाओं ने किसी तरह अनीता को उठाया। तेजी से वार्ड की ओर लेकर जाने लगे। लेकिन वहां लगी जंजीरों को पार करने में काफी दिक्कत हुई। इस बीच, बच्चा गर्भ में फंसा रहा। किसी तरह से अनीता को अंदर ले जाया गया, डिलीवरी भी हुई। लेकिन बच्चा बच नहीं सका।जब अनीता की आधी डिलीवरी हो गई और बच्चा फंस गया चीख पुकार मची तब दा स्वास्थ्यकर्मी व्हील चेयर लेकर पहुंचे। कर्मचारियों की इस हरकत पर वहां मौजूद लोगों ने भी नाराजगी जताई।
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बच्चा गर्भ में फंसा रहा
अनीता के पति राजेंद्र ने बताया कि पहले एंबुलेंस को कॉल की गयी थी, लेकिन नहीं आई। इसके बाद ऑटो से पत्नी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। राजेंद्र का कहना है कि मैंने कर्मचारियों से स्ट्रेचर लाने को कहा। लेकिन कोई नहीं आया। इस दौरान मैं नर्स और डॉक्टर से भी गुहार लगाता रहा। लेकिन कोई नहीं आया।
पति राजेंद्र ने का आरोप है कि मेरे बच्चे की मौत का जिम्मेदार पूरा अस्पताल प्रशासन है। हम अपने गोद में पत्नी को लेकर आए, कहीं कोई स्ट्रेचर तक नहीं था। मेरी पत्नी की बड़ी मम्मी साथ में थीं, कैसे क्या किया हम ही जानते हैं। पूरा स्वास्थ्य महकमा जिम्मेदार है।
बच्चे को मृत घोषित कर दिया
मौके पर मौजूद लोगों ने पूरे मामले का वीडियो अपने फोन में कैद किया। वीडियो में अस्पताल के इमरजेंसी में डॉक्टर की कुर्सी खाली पड़ी थी। यानि वहां डॉक्टर तैनात नहीं थे। इसके बाद परिजन दूसरी मंजिल तक अनीता को गोद में ही उठाकर डिलीवरी रूम में ले गए। यहां तैनात डॉक्टर ने नवजात बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
गोंडा की डीएम नेहा शर्मा के आदेश पर तीन सदस्यीय कमेटी पूरे मामले की जांच कर रही है। जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. शालू महेश ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। एक प्रसूता को स्ट्रेचर नहीं मिला है और अंदर ले जाने पर उसके बच्चे की मौत हो गई है। फिलहाल पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अंतिम संस्कार में डिप्टी सीएम पहुंचे
तीन दिन पहले लखनऊ में राजभवन के सामने सड़क पर एक महिला द्वारा प्री मेच्योर शिशु के जन्म देने का मामला आया था। मौके पर एंबुलेंस नहीं पहुंची थी। इस वजह से सड़क पर ही उसकी डिलेवरी कराई गई। हालांकि अस्पताल से शिशु को मृत घोषित कर दिया गया था। डैमेज कंट्रोल के लिये नवजात के अंतिम संस्कार में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक खुद पहुंचे थे।