उ0प्र0 (पीलीभीत): संवाददाता – अमित पाल
पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिलें में महिला जिला अस्पताल से है। जहां एक पीड़िता ने जिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बता दें नवसृजित करेली थाना क्षेत्र के गांव बमरोली के रहने वाली श्रद्धा शर्मा ने मुख्यमंत्री व डीएम से शिकायत करते हुए जिला महिला अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही से प्रसव कराने का आरोप लगाया है। श्रद्धा शर्मा का कहना है जिला महिला अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही की वजह से ऑपरेशन के बाद उसे अपनी बच्चे दानी निकलवाने पड़ी जबकि यह पीड़िता का पहला बच्चा है।
प्रसव मे लापरवाही का लगाया आरोपः
दरसल मामला 3 जुलाई का है प्रसव पीड़ा होने पर श्रद्धा शर्मा को उनके पति विशाल मिश्रा जिला अस्पताल में प्रसव कराने गए थे। वही डॉक्टरों 3700 की रिश्वत ली और कई जगह हस्ताक्षर भी कराएं थे। महिला का ऑपरेशन के बाद लड़के का जन्म हुआ। ऑपरेशन के बाद महिला की ब्लीडिंग नहीं रुक रही थी। वहीं पीड़िता ने बताय कि दोबारा ऑपरेशन उसे सही करने का प्रयास से किया गया । इसके बाद भी ब्लीडिंग नही रुकी दो यूनिट खून भी चढ़ाया गया ,लेकिन जब ब्लीडिंग नही रुकी । ब्लीडिंग न रुकने के कारण महिला के परिजनों ने प्राइवेट अस्पताल ले गये। परिजन महिला को शहर के एक निजी अस्पताल लेकर गए तब तक बच्चेदानी डेमेज हो चुकी इसके बाद वहां पर उसकी बच्चेदानी निकल दी गयी
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पीड़ित महिला ने डीएम से किया शिकायतः
इस मामले की शिकायत पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,जिलाधिकारी प्रवीण लक्ष्यकार से की है। वहीं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पीडित महिला के ने शिकायती पत्र मे बतया कि परिजनों ने मुझे महिला जिला अस्पताल पीलीभीत में मुझे भर्ती कराया गया। वहां मैनें एक बेटे को जन्म दिया । यह मेरी पहली डिलवरी थी। आपरेशन के दौरान मैं होश में थी लेकिन मेरी हालत खराब हो गई। इसके बाद मुझे एक निजी हास्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां पर उसे अपनी बच्चे दानी को निकलवानी पड़ी। यह सिर्फ जिला महिला अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही के कारण हुआ।
प्रसव के दौरान आपरेशन के नाम पर लिया पैसाः
पीडिता का पति विशाल मिश्रा ने बताया कि मैं अपनी पत्नी श्रद्धा शर्मा को प्रसव के लिए महिला जिला अस्पताल पीलीभीत लेकर गया था। वहां डॉक्टर मुझे एक कमरे में लेकर गए और मुझे 10000 /- रुपये देने की बात कही। मैंने 3700/- रुपये तुरंत डॉक्टर दे दिया। जिसके बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी । एक बेटे का जन्म हुआ बेटे को मुझे बाहर दे दिया गया। जब काफी देर हो गई पत्नी को बाहर नही लाया गया तो मैंने स्टाफ से पूछा तो डॉक्टर ने बताया कि हेवी ब्लीडिंग होने की बजह से थोड़ी सी दिक्कत हो रही है।
ब्लीडिंग के चलते अभी बाहर लाने में थोड़ी दिक्कत है। जिसके बाद मैं 2 घंटे तक बाहर बैठे इंतजार करता रहा। लेकिन जब बाहर नही लाये तो मैने पूछा तो आनन-फानन से मेरी पत्नी को जिला अस्पताल से किसी निजी अस्पताल में ले जाने की बात कही गई। मैंने आनन- फानन से एक निजी अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया। जांच के माध्यम से वहां जानकारी कि मेरी पत्नी की बच्चे दानी डैमेज हो गई है। जिस कारण मुझे बच्चेदानी को निकलवाना पड़ा।