ऐरवा कटरा संवाददाता : अमित शुक्ला
ऐरवा कटरा : भले ही शासन महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला सशक्तिकरण और वूमेन पावर लाइन और प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क बनवा रही हो और जिले की पुलिस अधीक्षक भी महिला हो लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस पीड़िताओं के साथ अभद्रता करने से बाज नही आ रही है और खाकी को शर्मसार कर रही है।
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ऐसा ही एक मामला ऐरवा कटरा से सामने आया है जहां थानाक्षेत्र के बढ़िन गांव निवासी धर्मवीर जाटव ने रविवार दोपहर करीब 1 बजे अपनी पत्नी सुरभि को डंडे से बेरहमी से पीटा जिससे सुरभि के सिर व हाथ मे चोट आई इसी बीच मां को देख उसका एक बर्ष का अबोध लड़का बीच में आ गया तो धर्मवीर ने मानवता की सारी हदें पार करके हुए उसके सिर में भी डंडा मार दिया।जिससे बच्चा के सिर मे भी चोट आई इसके बाद धर्मवीर ने सुरभि को जान से मारने की नीयत से उसका गला दबाने लगा।सुरभि को तड़पता देखकर देवर रामवीर ने किसी तरह सुरभि को धर्मवीर के चंगुल से बचाया तो पति धर्मवीर ने सुरभि को घर में बंद कर दिया।
थानाध्यक्ष ने इस वजह से लगाई फटकार
सुरभि द्वारा अपने साथ घटित घटना की सूचना बेला थानाक्षेत्र के पृथ्वीपुर निवासी अपने पिता रामवहादुर को दी। शाम करीब 6 बजे पीड़िता सुरभि अपनी बहन और पिता के साथ ऐरवा कटरा थाने पहुंची और थानाध्यक्ष सुरेशचंद्र को शिकायतीपत्र दिया तो उन्होंने पीड़िता को यह फटकार लगाते हुए भगा दिया कहा जब घटना 1 बजे की है तो इतनी देर में क्यों आई तो पीड़िता ने कहा कि वह घर में बंद थी जिसकी सूचना मायके में दी थी।तो थानाध्यक्ष ने फटकार लगाते हुए कहा कि बेला क्या लंदन में है आधे घंटे की रास्ता है तो इतनी देर में आओगे।
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पीड़िता ने उठाई न्याय की गुहार
पीड़िता अपने दुधमुहे बच्चे को दिलाए जाने और न्याय की गुहार लगाती रही लेकिन थानाध्यक्ष सुरेशचंद्र ने पीड़िता की एक न सुनी और थाने से बाहर भगा दिया। पीड़िता अपने पिता और बहन के साथ थाने के बाहर बैठकर महिला हेल्प डेस्क के गेट को निहारती रही, बाद में देर रात में मुकदमा पंजीकृत करने पर मजबूर हुए।