Hit & Run Law: सड़क दुर्घटना को काबू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लिए गए हिट एंड रन को लेकर नए कानून का पूरे देश भर में ट्रक और बस के ड्राइवर विरोध कर रहे। इसका असर पूरे देश में देखने को मिला। जहां चालकों ने चक्का चाम कर दिया,जिस वजह से आने जाने वाले लोग को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।सरकार के आश्वासन के बाद ‘हिट-एंड-रन’ के नए कानून के खिलाफ हड़ताल कर रहे ट्रक ड्राइवरों ने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया है।
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हुई सुलह…
वहीं केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक को दौरान कहा कि – अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श करने के बाद ही कानून के बारे में निर्णय लिया जाएगा। वहीं ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल करना बंद किया है। वहीं इस हड़ताल के वजह से लोगों को काफी नुकसान उठाना पडा है, इसके अलावा पेट्रोल-डीजल से लेकर फल-सब्जी की सप्लाई बाधित थी, इससे व्यापारियों को भी नुकसान झेलना पडा…
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मोटर व्हीकल एक्ट में भी बदलाव की मांग..
बता दें कि ट्रक और बस ड्राइवर्स का कहना है कि- किसी को टक्कर लगने पर हम इसलिए भाग जाते हैं, क्योंकि वहां मौजूद लोग मारपीट कर सकते हैं, इसको साथ ही इनका दावा था कि भले बड़े वाहन की गलती न हो फिर भी उन्हीं की गलती बताई जाती है, ये मोटर व्हीकल एक्ट में भी बदलाव की मांग कर रहे थे।
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सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश..
वहीं इस कानून को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक बनाया गया है- अगर कोई हादसा होता है और मौके पर ही घायल की मदद की जाती है तो 80 फीसदी घायलों की जान बच जाती है, वाहन चालक जिम्मेदार बनें और यदि उन्हें घटनास्थल पर हिंसा का डर है तो वह कुछ दूर जाकर पुलिस-प्रशासन को सूचना दे सकते हैं, सरकार ने दलील दी की इस कानून में पुलिसया मनमानी पर भी रोक के प्रावधान हैं।
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सप्लाई चेन बाधित होने का खतरा..
इस हड़ताल के वजह से देश में 95 लाख ट्रक-टैंकर हैं, और हड़ताल के बाद इनमें से 30 लाख से ज्यादा ट्रक-टैंकर की सेवाएं ठप हो गई थीं जिससे सप्लाई चेन बाधित होने का खतरा मंडरा गया था, अगर हड़ताल लंबी चलती तो राशन, दूध फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित होने का खतरा मंडरा जाता है जिससे इनके दाम भी बढ़ जाते, इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ता और दवाओं की भी किल्लत हो सकती थी, सरकार तुरंत हरकत में आई और बातचीत के जरिए मामले को सुलझा लिया गया।