Anantnag Encounter : जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में 12 सिंतबर से कोकेरनाग के जंगलों में पिछले तीन दिने से भारतीय सुरक्षाबल आतंकियों से टक्कर ले रहे हैं। बता दें कि 2020 के बाद यह सबसे बड़ा एनकाउंटर हमला हुआ हैं। वहीं दुख कि बात यह हैं कि इस हमले में हमारे 3 अफसर रैंक के जवान शहीद हो चुके हैं और वहीं टकराव अब भी जारी है। देश कि सेवा के लिए हमारी सेना खुद की आहुति दे रही हैं। बता दें कि अभी तक पता नहीं चला हैं कि एनकाउंटर में कितने आंतकवादी थे। लेकिन शूत्रों से पता चह रहा हैं कि 3 से 4 आंतकवादी थें। यह एनकाउंटर इतना बड़ा होता जा रहा हैं कि कल यानि गुरूवार को गोलीयों कि आवाज के साथ बंम बारूद गोलो कि आवाज आ रही थी।
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2020 के बाद सबसे बड़ा एनकाउंटर
देश में 2020 के बाद का सबसे बड़ा एनकाउंटर बताया जा रहा हैं। वहीं इस हमलें में 3 अफसर रैंक के जवान जो कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धौंचक के अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट शहीद हो गये हैं। जो हमारे देश के लिए दुख कि बात हैं कि हम अपने 3 जवान को खो दिए। हमारे देश के जवान हमारी रक्षा के लिए सदैव तैनात रहते हैं व हमारी जानके लिए अपनी जान भी दे देते हैं।
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कर्नल मनप्रीत सिंह
हमारे देश के महान अफसर सम्पकर्नल मनप्रीत जो देश के लिए शहीद हो गए। बता दें कि सम्पकर्नल मनप्रीत को दो साल पहले सेना पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वहीं उन्होंने 2016 में आतंकवादी बुरहान वानी को ढेर किया था। बता दें कि 2021 में अंधाधुंध गोलीबारी करने वाले आतंकवादियों को तत्कालीन लेफ्टिनेंट कर्नल मनप्रीत सिंह के नेतृत्व में उनकी बटालियन ने मार गिराया था।
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शहीद सम्पकर्नल मनप्रीत जब तक देश की सेवा कि हैं तब तक उन्होंने दुश्मनों के खुब छक्के छुड़ाये हैं। वहीं उनके परिजनों का कहना हैं कि सम्पकर्नल मनप्रीत को 2 साल पहले ही सेना मेडल के पुरस्कार से नवाजा गया था, साथ ही उनकी माता का कहना हैं कि मनप्रीत पढ़ाई में भी बहुत तेज थे। वही मनप्रित का पढाई केन्द्रिय विद्यालय में हुई थी। बता दें कि मनप्रीत को वर्ष 2003 में सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बने थे। वहीं वर्ष 2005 में उन्हें कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया था। उनके छोटे भाई संदीप सिंह ने बताया कि कर्नल मनप्रीत सिंह वर्ष 2019 से 2021 तक सेना में सेकंड इन कमांड के तौर पर तैनात थे। बाद में उन्होंने कमांडिंग अफसर के रूप में काम किया।
मेजर आशीष धौंचक
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में पानीपत के लाल शहीद हो गए। पानीपत के रहने वाले मेजर आशीष धौंचक ने आतंकियों से लड़ाई के दौरान अपने प्राणों की आहुति दे दी। बता दें कि मेजर आशीष धौंचक अपने घर के इकलौते बेटे थे। वहीं तीन बहनों के इकलौते भाई के शहीद होने पर परिवार और गांव में मातम पसरा हुआ है। 23 अक्टूबर 1987 को जन्मे आशीष धौंचक वर्ष-2012 में सिखलाई रेजीमेंट सेना में भर्ती हुए थे। आज उनकी सहादत पर उनके घर के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया हैं। मेजर आशीष कि पत्नी व उनकी एक बेटी भी हैं जिसका नाम वामिका हैं।
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DSP हुमायूं भट
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग में आतंकवादियों से हुए मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल, एक मेजर सहित जम्मू कश्मीर पुलिस के एक पुलिस उपाधीक्षक वीरगति को प्राप्त हो गए हैं। बता दें कि उनके पिता गुलाम हसन भट्ट भी जम्मू कश्मीर पुलिस में बतौर महानिरीक्षक काम कर चुके हैं। हालांकि वे अब रिटायर हो चुके हैं। वहीं हुमांयू भट्ट की हाल ही में शादी हुई थी, जिससे उन्हें 2 महीने की बेटी भी है। बता दें हुमायूं भट्ट के अंतिम सस्कार की कुछ तस्वीरों को जम्मू कश्मीर पुलिस ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें हुमायूं के पिता अपने बेटे को श्रद्धांजलि देते दिख रहे हैं।