Ratan Tata Hospitalised: उद्योग जगत के दिग्गज और टाटा संस (Tata Sons) के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा (Ratan Tata) (86) हाल ही में ब्रीच कैंडी अस्पताल में हेल्थ चेकअप के लिए भर्ती हुए। इस दौरान उनकी तबीयत को लेकर कई अफवाहें उड़ीं, जिन्हें उन्होंने खुद ही खारिज कर दिया है। रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर इस संबंध में स्पष्ट जानकारी दी और कहा कि वे ठीक है और अच्छा महसूस कर रहे हैं। वह सिर्फ बढ़ती उम्र के कारण हेल्थ चेकअप के लिए भर्ती हुए थे।
आपको दें कि पहले यह खबर भी मीडिया में वायरल हो रही थी कि रतन टाटा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि देर रात करीब 12:30 से 1:00 बजे के बीच उनका ब्लड प्रेशर गिरने के कारण उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया था। जहां उनकी देखरेख जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शारुख अस्पी गोलवाला कर रहे थे। हालांकि, रतन टाटा ने इस खबर को गलत बताते हुए कहा कि वह केवल स्वास्थ्य संबंधी नियमित जांच के लिए अस्पताल गए हैं।
सोशल मीडिया पर दी सफाई
रतन टाटा ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “मैं हाल ही में फैल रहीं अफवाहों से अवगत हूं। मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। मैं अपनी उम्र और सेहत संबंधी जरूरी चिकित्सा जांच करवा रहा हूं। चिंता की कोई बात नहीं है। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं।” उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि गलत सूचना फैलाने से बचें।
टाटा समूह के संस्थापक है रतन टाटा
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ। वह टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा (Jamshedji Tata) के परपोते हैं। 1990 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे, और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम अध्यक्ष का कार्यभार संभाला। रतन टाटा ने 1962 में टाटा समूह (Tata Group) में कदम रखा और विभिन्न पदों पर काम किया। उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण विकास और विस्तार किया। रतन टाटा के कार्यकाल में टाटा समूह ने कई नए उद्योगों में प्रवेश किया, जैसे टेलीकॉम, रिटेल और ऑटोमोबाइल। उनकी सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक 2008 में जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण था, जो टाटा समूह के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
सामाजिक जिम्मेंदारियों के प्रति समर्पित
रतन टाटा का परोपकार और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति समर्पण भी उन्हें अन्य उद्योगपतियों से अलग बनाता है। उनकी कुल संपत्ति का लगभग 66 प्रतिशत हिस्सा दान में दिया जाता है, जिसमें टाटा ट्रस्ट के माध्यम से अनेक सामाजिक कार्यों का समर्थन किया जाता है। 2024 तक उनकी कुल संपत्ति 1.5 बिलियन डॉलर (लगभग 12,483 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है।